OLYMPICS 2024:एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता जैवलिन थ्रोअर किशोर जेना ने कहा है कि वे लगातार खराब प्रदर्शन के बाद 2023 में खेल को छोड़ने की कगार पर थे। लेकिन उन्होंने अपने पिता की सलाह मानी और अपने करियर में वापसी करने में सफल रहे।जेना ने माना कि टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक ने उन्हें जैवलिन थ्रो में और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया था। लेकिन वे प्रभावी प्रदर्शन करने में नाकाम रहे और पिछले साल जुलाई में विश्व चैंपियनशिप से पहले खेल को छोड़ने के बारे में सोचने लगे थे।
Read Also: बढ़ सकता है यमुना का जलस्तर, नोएडा पुलिस ने किया अलर्ट
जेना ने ‘जियो सिनेमा’ की रिलीज में कहा, “जब नीरज ओलंपिक में जीता तो हमने जश्न मनाया। लेकिन ईमानदारी से कहूं तो उस जीत से मैं हताश भी था क्योंकि मैं भी उसी खेल का हिस्सा था। मैंने महसूस किया कि ये मेरे लिए खेल में कुछ हासिल करने का समय था।”उन्होंने कहा, “अपनी रैंकिंग में गिरावट के बाद मैंने लेबनान नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और वहां थ्रो को 78 मीटर की दूरी तक ही फेंक पाया। अपना सब कुछ झोंकने के बावजूद मैं काफी कुछ हासिल नहीं कर पाया। मुझे संदेह होने लगा कि क्या इतनी कड़ी मेहनत करने का कोई मतलब है। मैंने अपने पिता को फोन किया, जिन्होंने मुझे श्रीलंका में अगली प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया।
Read Also: Crime News: पुंछ में नवजात जुड़वां बच्चियों की गला रेतकर हत्या, जांच में जुटी पुलिस
जेना ने लेबनान में 78.96 मीटर के थ्रो से जीत हासिल की। वे 2022 के अंत तक 80 मीटर के आंकड़े को पार नहीं कर पाए थे।उनका 80 मीटर से ज्यादा का पहला थ्रो मार्च 2023 में तिरुवनंतपुरम में इंडियन ग्रां प्री के दौरान आया था, जहां उन्होंने 81.05 मीटर की दूरी तय की।उन्होंने कहा, “मैंने तय किया कि श्रीलंका में 30 जुलाई होने वाला टूर्नामेंट मेरा आखिरी होगा। इसके बाद मैं खेल छोड़ दूंगा और अपने परिवार की तरफ ध्यान दूंगा। भगवान की कृपा से मैंने अच्छा प्रदर्शन किया और 84.38 मीटर का थ्रो फेंका, जिससे मुझे विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करने का मौका मिला।