नई दिल्ली। देशभर में इस बार गणेश चतुर्थी का पर्व कल यानी 22 अगस्त को मनाया जाएगा। गणपति बप्पा कल घर-घर मे विराजेंगे। इस त्योहार की सबसे अधिक धूम महाराष्ट्र में देखने को मिलती है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कहर के चलते त्योहार की रौनक फीकी हो जाएगी। कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के मद्देनजर लोगों को इस बार सरकार की कई पाबंदियों और दिशा निर्देशों का भी पालन करना होगा।
कोरोना के चलते इस बार गणेश चतुर्थी के पर्व पर बाजारों में भी वो रौनक और भीड़-भाड़ देखने को नहीं मिल रही है जो पहले देखी जाती थी। कोरोना का असर मूर्ति बनाने और बेचने वाले लोगों पर भी पड़ रहा है, कोरोना के चलते गणेश जी की मूर्तियों की बिक्री में काफी कमी देखने को मिल रही है। जिससे मूर्तियों की लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है।
मूर्ति बेचने वाले दुकानदार ने बताया कि गणेश चतुर्थी का त्योहार हर साल बड़ी धूमधाम से देशभर में मनाया जाता था। लेकिन इस बार कोरोना के चलते बाजार की तस्वीरें कुछ अलग ही हैं। कोरोना काल में ग्राहकों की कमी के चलते दुकानों पर मूर्तियों की बिक्री कम हो रही है।
विघ्नहर्ता श्रीगणेश के पूजन का ये है शुभ मुहूर्त-
गणेश पूजन के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11:06 बजे से 1:39 बजे तक का है। जिसकी कुल अवधि करीब 2 घंटे 33 मिनट की है।
गणपति बप्पा को ऐसे करें प्रसन्न-
गणपति बप्पा का आशीर्वाद पाने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए इस विधि के हिसाब से पूजा करें।
1). गणपति बप्पा को सिंदूर लगाएं- विघ्नहर्ता भगवान गणेश को सिंदूर अति प्रिय है। ऐसे में गणेश चतुर्थी के दिन उन्हें सिंदूर लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। बप्पा के माथे पर हर दिन लाल सिंदूर का तिलक लगाने से बिगड़े काम बनते हैं और तरक्की प्राप्त होती है।
2). भगवान श्रीगणेश को दूर्वा अर्पित करें- भगवान गणेश को पूजा के दौरान दूर्वा अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता है। हालांकि गणेश चतुर्थी के दिन दूर्वा अर्पित करने का एक विशेष महत्व है। माना जाता है कि ऐसा करने से गणपति प्रसन्न होते हैं और मनवांछित वरदान देते हैं।
3). गणपति बप्पा को लाल और पीले पुष्प करें अर्पित- श्रीगणेश को लाल और पीले पुष्प अर्पित करना शुभ होता है। अगर लाल फूल संभव नहीं है तो कोई भी पुष्प अर्पित कर सकते हैं। हालांकि पूजन के दौरान ध्यान रखें कि भगवान गणेश को भूलकर भी तुलसी अर्पित न करें।
4). गणपति बप्पा को मोदक का भोग लगाएं- भगवान गणेश को लड्डू और मोदक बहुत ही प्रिय है। ऐसे में गणेश चतुर्थी के दिन गणपति को मोदक और लड्डू का भोग लगाएं।
5). गणपति बप्पा की आरती- विधि विधान से भगवान गणेश की पूजा करने के बाद आरती का विशेष महत्व होता है, क्योंकि तभी पूजा संपन्न मानी जाती है और आरती जरूर करनी चाहिए। प्रथम पूज्यनीय भगवान श्रीगणेश की पूजा के बाद आरती करने से पूजा का फल अति शीघ्र मिलता है।