Ankita Bhakat in Olympics:पेरिस ओलंपिक में भारत की मिक्स्ड तीरंदाजी जोड़ी अंकिता भगत और धीरज बोम्मदेवड़ा का कांस्य पदक जीतने का सपना टूट गया है।अंकिता भकत ने कहा कि चौथे पायदान पर रहने और तीरंदाजी में देश को पहला मेडल जीतने के लिए वे खुद को थोड़ा दबाव में महसूस कर रही थीं।पहली बार ओलंपिक का हिस्सा बनीं 26 साल की अंकिता भकत का कहना है कि बिना किसी डर के शूटिंग करने में उन्हें बहुत मदद मिली है।
अंकिता भकत और धीरज बोम्मादेवरा की इतिहास रचने वाली भारतीय मिक्स टीम तीरंदाजी में भारत के ओलंपिक पदक के 36 साल के इंतजार को खत्म करने के बेहद करीब पहुंच गई थी, लेकिन शुक्रवार को खेलों में चौथे नंबर पर जगह बनाने से चूक गई।
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कांस्य पदक मैच में अंकिता ने किया निराश- टीम ने पहली बार सेमीफाइनल में प्रवेश करके पहले ही इतिहास रच दिया था।लेकिन ये जोड़ी दुनिया की नंबर एक केसी कॉफहोल्ड और तीन बार के ओलंपिक पदक विजेता ब्रैडी एलिसन की अमेरिकी जोड़ी से 37-38 35-37 38-34 35-37 से हार गई और ओलंपिक में चौथे पायदान पर रही। फिर भी ये चार साल में एक बार होने वाले खेलों के महाकुंभ में किसी भारतीय टीम का अब तक का सबसे बेहतर परफॉर्मेंस था।अंकिता ने सबसे ज्यादा दबाव महसूस किया। उसने चार सेटों के दौरान दो शॉट में सात का स्कोर किया और सिर्फ दो शॉट में परेफेक्ट 10 ही लगा पाईं।
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हाथ आते-आते फिसला मेडल – चारों भारतीय तीर येलो एरिया में थे। जबकि केसी नौ और 10 से पहले अपने पहले तीर से सात लगाकर थोड़ी नर्वस दिख रही थी। लेकिन भारतीयों ने तीसरा सेट जीतने के लिए काफी कोशिश की।22 साल के धीरज ने चार 10 शॉट लगाए, जबकि सेमीफाइनल में कोरियाई खिलाड़ियों के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली अंकिता ने दो शॉट में आठ का स्कोर किया।इससे पहले सेमीफाइनल में धीरज और अंकिता को दक्षिण कोरिया के खिलाफ 2-6 (38-36 35-38 37-38 38-39 से हार) से हार का सामना करना पड़ा।