Foreign Investment in China: भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभर रहा है। भारत की अर्थव्यवस्था लगातार अपने मजबूती का प्रदर्शन कर रही है। दुनिया के तमाम देश और उनकी एजेंसी भी अब मानती है कि भारत दुनिया मे सबसे तेज गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है। वर्ष 2014 में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की दसवीं बड़ी अर्थव्यवस्था में गिनी जाती थी। जो पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरी है।ऐसे मे कयाश लगाए जा रहे है कि साल 2027 तक भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बन जायेगा ।
चीन में कंपनिया कर रही पलायन – दुनियां भारत को विश्व का सबसे बड़ा बाजार मानती है।भारत के पडोसी देश चीन ने दुनिय़ाभर में व्यापार में कब्जा कर रख है।वर्तमान समय में में चीन की अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ती नजर आ रही है।चीन में कई मल्टीनेशनल कंपनियां पलायन कर रही है।चीन में इंटरनेशनल कंपनियों के पलायन का मुख्य कारण आर्थिक मंदी को बताया जा रहा है।
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पटरी से उतरी चीन की अर्थव्यवस्था- आपको बता दें कि भारत के पड़ोसी देश चीन की अर्थव्यवस्था इन दिनों बुरे दौर से गुजर रही है। चीन में इन दिनों कई कंपनियां व्यापार छोड रही तो वहीं अब चीन को मैन्युफैक्चरिंग को दूसरे देशों से कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। हाल में दुनिया के जाने माने अर्थशास्त्री ने एक रिपोर्ट साझा की जिसमें ये दावा किया गया कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए चीन मैन्युफैक्चरिंग और हेल्थ सेक्टर में विदेशी निवेश के लिए दरवाजे पूरी तरह खोल रहा है।
चीन ने जारी किया फरमान – चीन मे अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे है चीन ने जुलाई माह में मीटिंग कर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को ये निर्देश दिया कि भारत में कोई भी व्हीकल संबंधी निवेश नहीं करने का निर्देश दिया गया।
चीन से सामने उभरा संकट- चीन मे बने हुए उत्पादों को चीन में ही कम्पटीशन का भयंकर सामना करना पड़ रहा है।चीन को यूरोप ,भारत,जैसे देशों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।चीन की तर्ज पर यूरोप के देश भी मैन्युफैक्चरिंग हब को बढ़ावा देने के लिए तमाम तरह के प्रयास कर रहे है।
