Jal Shakti Ministry: दिल्ली में मंगलवार को हुई सीआईआई वाटर इनोवेशन समिट 2024 में भारत के नागरिकों के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के वादे को पूरा करने कीे लिए की जा रही कोशिशों के बारे में बताया गया।विकसित भारत 2047: सतत और समावेशी विकास के लिए जल भागीदारी” थीम ने बेहतर भविष्य के लिए देश की उम्मीदों को भी बताया।जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के अतिरिक्त सचिव राकेश कुमार वर्मा ने जल प्रबंधन के लिए सरकार के रणनैतिक नजरिए का भी जिक्र किया।
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विकसित भारत की दिशा में बड़ी पहल- वर्मा ने डेटा आधारित फैसले लेने की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विकसित भारत की दिशा में एक और बड़ी पहल नई राष्ट्रीय जल डेटा नीति का मसौदा है। साथ ही उन्होंने कहा कि आईडब्ल्यूआरएम को स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पानी की मात्रा और क्वालिटी, पानी के स्रोतों, घरेलू, कृषि, उद्योग, पर्यावरण के इस्तेमाल के बारे में डेटा और जानकारी की जरूरत है।नीति का मकसद जल से जुड़े आंकड़ों के लिए केंद्रीकृत मंच बनाना है, जिससे बेहतर विश्लेषण और फैसले लेने में आसानी हो सके।इस पहल का मकसद अलग-अलग विभागों और एजेंसियों की कोशिशों में समन्वय बनाकर जल संसाधन प्रबंधन को बेहतर करना है।
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जल जीवन मिशन को मिली सफलता- इनोवेशन और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने के लिए, सरकार वाटर सेक्टर में इनोवेशन को रफ्तार देने के लिए राष्ट्रीय रणनीति शुरू कर रही है। ये पहल सार्वजनिक-निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करेगी और अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने को बढ़ावा देगी।वर्मा ने खास तौर पर कृषि और उद्योग में जल इस्तेमाल दक्षता की अहमियत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार सिंचाई प्रणालियों को आधुनिक बनाने और औद्योगिक जल प्रथाओं में सुधार के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है।ग्रामीण परिवारों को सुरक्षित पीने का पानी मुहैया कराने के मकसद से शुरू किए गए जल जीवन मिशन ने पहले ही खास मुकाम हासिल कर लिए हैं। सरकार ये सुनिश्चित करने के लिए कोशिश में जुटी है कि 2024 तक सभी ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ जल उपलब्ध हो। एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन, डेटा-आधारित निर्णय-प्रक्रिया, इनोवेशन और जल उपयोग दक्षता को प्राथमिकता देकर, भारत जल-सुरक्षित भविष्य की दिशा में निर्णायक कदम उठा रहा है।