Gujarat: गुजरात के पाटन जिले के एक मेडिकल कॉलेज में 18 साल के एक छात्र की कथित तौर पर रैगिंग के बाद मौत पर पुलिस ने 15 छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने सोमवार यानी की आज 18 नवंबर को ये जानकारी दी। प्राथमिकी के अनुसार, एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के आरोपी छात्रों ने पीड़ित सहित कुछ ‘जूनियर’ छात्रों को शनिवार रात तीन घंटे से अधिक समय तक छात्रावास के कमरे में कथित तौर पर खड़ा रखा और उन्हें ‘मानसिक और शारीरिक यातना’ दी।
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प्राथमिकी में कहा गया है कि उन पर गैर इरादतन हत्या और अन्य अपराधों के तहत मामला दर्ज किया गया है। पाटन के धारपुर के जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी छात्रों को अगले आदेश तक छात्रावास और शैक्षणिक गतिविधियों से निलंबित कर दिया गया है। कॉलेज के डीन डॉ. हार्दिक शाह ने रविवार को बताया कि एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र अनिल मेथानिया शनिवार रात कॉलेज के छात्रावास में अपने वरिष्ठों की रैगिंग के दौरान कथित तौर पर तीन घंटे तक खड़े रहने के बाद बेहोश हो गया और उसकी मौत हो गई।
डॉ. शाह की अध्यक्षता में कॉलेज की रैगिंग विरोधी समिति ने प्रथम वर्ष के 11 और द्वितीय वर्ष के 15 समेत कुल 26 छात्रों के बयान लिए। कॉलेज के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि समिति ने पाया कि प्रथम वर्ष के 11 छात्रों की द्वितीय वर्ष के 15 छात्रों के एक समूह ने रैगिंग की थी। बलिसाना थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, 15 आरोपियों ने मेथानिया और उसके सहपाठियों सहित प्रथम वर्ष के 11 छात्रों को ‘परिचय’ के लिए शनिवार रात छात्रावास के एक कमरे में बुलाया था। उन्होंने ‘जूनियर’ छात्रों को लगभग साढ़े तीन घंटे तक खड़ा रखा और उन्हें गाने और नाचने, अपशब्द बोलने और कमरे से बाहर न जाने के लिए मजबूर किया।
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प्राथमिकी के अनुसार, छात्रों को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किए जाने के कारण मेथानिया की तबीयत बिगड़ गई और वो आधी रात को बेहोश होकर गिर पड़ा। अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कॉलेज के अतिरिक्त डीन डॉ. अनिल भठीजा की शिकायत के आधार पर, 15 छात्रों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं के तहत गैर इरादतन हत्या, गलत तरीके से बंधक बनाना, गैरकानूनी ढंग से एकत्र होना और अश्लील शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है।