Odisha Election 2024: साल 2024 में देश के सियासी हलकों में कई बदलाव हुए, जो सोच से परे थे। इनमें एक था- ओडिशा विधानसभा और लोकसभा चुनावों के नतीजे। चुनाव के नतीजों ने राज्य की राजनीति को नए रंग में रंग दिया। दशकों पुरानी सत्ता बदल गई। सत्ता के शीर्ष पर 24 साल से बीजू जनता दल के नवीन पटनायक काबिज थे। विधानसभा चुनावों ने छठी बार मुख्यमंत्री बनने का उनका सपना चूर-चूर कर दिया। उन्हें विपक्ष की कुर्सी थामनी पड़ी। माना जाता था कि नवीन पटनायक की अगुवाई में बीजेडी अजेय है। 2024 के चुनावों ने मान्यता बदल दी। विधानसभा की 147 में से 74 और लोकसभा की 21 में से 20 सीट बीजेपी के खाते में गए।
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बीजेडी ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने झूठे अफवाह फैलाए थे, जिससे उनकी हार हुई। नवीन पटनायक ने आरोप लगाया कि कुछ सीटों पर डाले गए वोटों की संख्या और गिनती किए गए वोटों की संख्या में फर्क था। उन्होंने मामले की जांच करने की मांग की है। कुछ राजनैतिक जानकार मानते हैं कि नवीन पटनायक के सत्ता से बेदखल होने की वजह उनकी पार्टी में कुप्रबंधन थी। आम लोग उनके भरोसेमंद साथी और पूर्व प्रशासक वी. के. पांडियन से नाराज थे। कांग्रेस नेताओं ने भी माना कि पांडियन फैक्टर का चुनाव नतीजों पर असर पड़ा।
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कुछ पत्रकारों का कहना है कि राज्य में बीजेपी 2017 से ही मजबूत हो रही थी। तब कांग्रेस काफी कमजोर हो चुकी थी। ऊपर से बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने चुनाव प्रचार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। दूसरी ओर बीजेपी अपनी कामयाबी का सेहरा आम लोगों तक पहुंच को बताती है। राज्य के नेताओं का कहना है कि लगातार 10 साल संपर्क में रहने से उन्हें आम लोगों का भरोसा मिला। नवीन पटनायक पर 2014 और 2019 में मोदी लहर का असर नहीं पड़ा था, लेकिन इस बार की आंधी ने उन्हें उखाड़ फेंका। 2024 के चुनावों में ओडिशा की राजनीति में बदलाव की लहर आई। सियासी जगत में पुराने युग का अंत हुआ और राजनैतिक जगत में नए अध्याय की शुरुआत हुई।