Arghya to Surya Dev: हिंदू धर्म में सूर्य देव को बहुत महत्व दिया जाता है। सूर्य देव को अर्घ्य देना एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो सूर्य देव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
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सूर्य देव को अर्घ्य देने का सही समय- सूर्य देव को अर्घ्य देने का सही समय सूर्योदय के समय होता है। इस समय सूर्य देव की किरणें पृथ्वी पर पड़ती हैं और यह समय सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए सबसे उपयुक्त होता है। सूर्योदय के 1 घंटे के बाद तक सूर्य देव को अर्घ्य दिया जा सकता है। शास्त्रों के मुताबिक सुबह 6 बजकर 15 मिनट से 6 बजकर 45 मिनट के बीच में जल चढ़ाना सबसे शुभ माना जाता है।
सूर्य देव को अर्घ्य देने के नियम- सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है, तभी उसका फल आपको मिल सकेगा। जैसे- सूर्य देव को अर्घ्य देने से पहले स्नान करना चाहिए। सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए ताजे जल का उपयोग करना चाहिए। सूर्य देव को अर्घ्य देने के समय सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए। जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करना चाहिए। लोटे में जल के साथ रोली, अक्षत, पुष्प डालकर जल अर्पित करना चाहिए। जल चढ़ाते समय ये ध्यान देना चाहिए लोटे को जल चढ़ाने के लिए सर से कम से कम 8 इंच उपर रखें ताकि जल की धारा से आपको सूर्य देव के दर्शन हो सके और सूर्य की किरणें आपके हृदय को स्पर्श करें। साथ ही आप जल चढ़ाते समय सूर्य देव के मंत्र या गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं, इससे उत्तम फल की प्राप्ती होती है।
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सूर्य देव को अर्घ्य देने के लाभ- शास्त्रों के अनुसार सूर्य देव को अर्घ्य देने से जीवन की कई परेशानियां दूर होती हैं और धन-धान्य की प्राप्ती होती है। सूर्य देव को जल चढ़ाने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। स्वास्थ्य और ऊर्जा में वृद्धि होती है। समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। साथ ही पापों का भी नाश होता है।
