Telangana Tunnel Collapse: तेलंगाना सरकार ने श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग के निर्माणाधीन खंड के शनिवार को आंशिक रूप से ढह जाने के बाद उसमें फंसे आठ लोगों को बचाने के लिए आगे का रास्ता के लिए भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) और राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के विशेषज्ञों की मदद ली है। अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि आठ लोग चौथे दिन भी फंसे हुए हैं, इसलिए जीएसआई और एनजीआरआई के विशेषज्ञों को बचाव प्रयासों में शामिल किया गया है...Telangana Tunnel Collapse
Read also –Delhi Weather: दिल्ली में न्यूनतम तापमान 11.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज, IMD ने जारी किया अलर्ट
उन्होंने कहा कि अब तक हम जीएसआई और एनजीआरआई की सलाह ले रहे हैं। एलएंडटी के विशेषज्ञ भी यहां आ चुके हैं।’’ ये टीम आखिरी 50 मीटर तक नहीं जा पा रही हैं, जहां आठ लोग फंसे हुए हैं क्योंकि वहां कीचड़ और मलबा जमा हो गया है। जीएसआई और एनजीआरआई के अलावा, एलएंडटी से जुड़े एक आस्ट्रेलियाई विशेषज्ञ को भी दुर्घटना स्थल पर एसएलबीसी सुरंग की स्थिरता का आकलन करने के लिए बुलाया गया है, जिसे सुरंग संबंधी कार्यों का व्यापक अनुभव है। सूत्रों ने बताया कि उप-मुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क और सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी आज बचाव कार्यों की निगरानी करने और कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए दुर्घटना स्थल पर पहुंच सकते हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सेना, नौसेना, सिंगरेनी कोलियरीज और अन्य एजेंसियों के 584 कुशल कर्मियों की एक टीम ने केंद्रीय एवं राज्य आपदा प्रतिक्रिया टीम के साथ मिलकर सात बार सुरंग का निरीक्षण किया है। सेना, नौसेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और अन्य एजेंसियों के अथक प्रयासों के बावजूद बचाव अभियान में अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। बचाव अभियान में जुटी टीम को तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना के निर्माणाधीन खंड के आंशिक रूप से ढहने के बाद सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के लिए दुर्घटना स्थल तक पहुंचने के लिए मिट्टी के टीलों, लोहे के ढांचों और सीमेंट के ब्लॉक से गुजरना पड़ रहा है।
Read also- Delhi Assembly: दिल्ली विधानसभा में सियासत तेज, स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने आतिशी समेत 22 विधायको को किया सस्पेंड
उन्होंने बताया कि धातु की छड़ को काटने के लिए लगातार गैस कटर का इस्तेमाल किया जा रहा है। तेलंगाना के मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने सोमवार को कहा था कि सुरंग में फंसे लोगों के बचने की संभावना ‘‘बहुत कम’’ है और फंसे हुए लोगों को बचाने में कम से कम तीन से चार दिन लगेंगे क्योंकि दुर्घटना स्थल कीचड़ और मलबे से भरा हुआ है। बचावकर्मियों के लिए ये एक मुश्किल काम बन गया है।