EWS: दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा है कि निजी विद्यालियों में प्रवेश स्तर की कक्षाओं में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और वंचित समूह (DG) श्रेणियों के तहत 42,000 सीट पर विद्यार्थियों के दाखिले के लिए पहला कम्प्यूटरीकृत ‘ड्रॉ’ बुधवार को निकाला गया। सूद ने कहा कि पिछले कुछ सालों के दौरान प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं होती थी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष CM रेखा गुप्ता के मार्गदर्शन में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए अभिभावकों और मीडिया की उपस्थिति में लॉटरी निकाली गयी।
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साथ ही मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस वर्ष EWS आय सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करके शिक्षा की पहुंच बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है, जिससे वंचित पृष्ठभूमि के अधिक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा का लाभ मिल सकेगा। सूद के मुताबिक, नर्सरी में दाखिले के लिए कुल 24,933 सीट उपलब्ध थीं, जिसके लिए 1,00,854 आवेदन प्राप्त हुए। ‘किंडरगार्टन (KG)’ के लिए 4,682 सीट उपलब्ध थीं, जिसके लिए 40,488 आवेदन आए। पहली कक्षा में 14,430 सीट आवंटित की गई, जिसके लिए 62,598 आवेदक आए।
मंत्री ने कहा कि प्रवेश स्तर पर दाखिले के लिए 3,134 विद्यालय हैं जिनमें नर्सरी के लिए 1,299, केजी के लिए 622 और पहली कक्षा में प्रवेश के लिए 1,213 विद्यालय हैं।उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में दो बच्चों को ड्रॉ शुरू करने का सम्मान दिया गया तथा शामनाथ मार्ग निवासी भावेश ने केजी और पहली कक्षा के लिए ‘ड्रॉ’ बटन दबाया, जबकि भाविका ने नर्सरी के लिए ‘ड्रॉ’ शुरू किया।
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साथ ही यह भी कहा कि नर्सरी के लिए ‘ड्रा’ सफलतापूर्वक आयोजित किया गया और सभी डेटा तुरंत सुरक्षित रख लिया गया। तीन सदस्यीय समिति को शिक्षा निदेशक को संबंधित जानकारी युक्त हस्ताक्षरित सीडी भेजने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि ‘ड्रॉ’ में चुने गए सभी विद्यार्थियों को शाम तक एक संदेश प्राप्त होगा और उन्हें दस्तावेज़ सत्यापन के लिए शिक्षा निदेशालय (DOE) कार्यालय बुलाया जाएगा।
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मंत्री ने कहा कि DOE द्वारा दस्तावेजों का सत्यापन कर लेने और प्रवेश को मंजूरी दे देने के बाद विद्यालय किसी भी दस्तावेज से संबंधित मुद्दे के आधार पर प्रवेश से इनकार नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए, न तो शिक्षा निदेशक, अन्य अधिकारियों, अभिभावकों और न ही मीडिया प्रतिनिधियों को उस कमरे के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति दी गई, जहां ‘ड्रॉ’ आयोजित किया जा रहा था, ताकि किसी भी मानवीय हस्तक्षेप को रोका जा सके।सूद ने कहा कि दिव्यांग बच्चों, थर्ड जेंडर छात्रों और अन्य श्रेणियों के लिए पंजीकरण अवधि बढ़ा दी गई है, क्योंकि इन श्रेणियों में प्राप्त आवेदनों की संख्या उपलब्ध सीट की तुलना में कम है।
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