Karnataka Assembly: कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने शुक्रवार को कहा कि हनी ट्रैप के दावों की सीबीआई जांच की मांग उठाने पर विधायकों को निलंबित कर दिया गया।उन्होंने कहा, “सदन के सम्मान और आदर को बचाने के लिए हमने सीबीआई जांच की मांग की। अचानक एक मंत्री सदन में खड़ा होता है और चिल्लाता है कि उसे बचाया जाना चाहिए, क्योंकि वो हनी ट्रैप में फंस गया है।
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उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी के सदस्य इसमें शामिल थे। पीडब्ल्यूडी मंत्री (सतीश जरकीहोली) ने खुद ये कहा। मुख्यमंत्री ने जवाब नहीं दिया और न ही वे मंत्रियों के साथ खड़े हुए। इसके बजाय, जिन्होंने न्याय मांगा है, उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। ये गलत है। उन्हें छह महीने के लिए निलंबित किया गया है। इससे पता चलता है कि कांग्रेस किसी भी हद तक जा सकती है। हमारे विधायकों का निलंबन…ये विधानसभा के प्रति अनादर है।”
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बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने कहा, “हम सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। अपने विधायकों और मंत्रियों की रक्षा करने के बजाय मुख्यमंत्री जांच सौंपने से कतरा रहे हैं। स्पीकर का फैसला बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। सभी 224 विधायकों के हितों की रक्षा करना उनका कर्तव्य है। हमारे विधायकों को बचाने के बजाय स्पीकर ने भी सत्तारूढ़ पार्टी के साथ खड़े होने का फैसला किया। ये अलोकतांत्रिक है। हम वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा करेंगे कि क्या हुआ, राज्यपाल से मिलकर उनसे भी दखल देने की मांग करेंगे।”