Sambhal Violence: संभल हिंसा की जांच कर रही विशेष जांच टीम (SIT) ने मंगलवार 25 मार्च को समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क से पूछताछ के लिए दिल्ली के आवास पर उन्हें नोटिस भेजा गया है। हालांकि टीम इससे पहले उनके संभल वाले घर भी पहुंची थी, लेकिन वहां पर कोई नहीं मिला।
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समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क ने कहा कि उन्हें 8 अप्रैल को पूछताछ के लिए जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है और वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि मैंने नोटिस ले लिया है। मैं सांसद हूं और देश का नागरिक भी, इसलिए मैं जांच में सहयोग करूंगा। आठ अप्रैल को बुलाया गया है, मैं जरूर जाऊंगा। हालांकि, उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को “गलत” बताया और कहा कि उन्हें कानून और न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।
एसआईटी जब उनके संभल वाले घर पहुंची और कोई नहीं मिला, तो पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि टीम दिल्ली जाकर उन्हें नोटिस देगी। ये कार्रवाई तब हुई जब दो दिन पहले शाही जामा मस्जिद समिति के अध्यक्ष जफर अली को 24 नवंबर 2024 की हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया था। यह हिंसा मुगलकालीन जामा मस्जिद के सर्वे के विरोध में हुई थी। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। सोमवार 24 मार्च को संभल के एसपी बिश्नोई ने कहा कि बर्क का बयान जरूरी है, क्योंकि उन्हें मामले में आरोपी बनाया गया है।
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समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क का कहना है कि आरोप गलत है,निराधार है। मैं पहले ही कह चुका हूं क्योंकि मतलब ही नहीं बनता क्योंकि जिस समय ये घटना हुई है उस समय मैं था नहीं। मैं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक अटेंड करने के लिए जैसा कि मैं पहले भी कई बार कह चुका हूं मैं बेंगलुरु में था और जब 19 तारीख,19 नवंबर को पहला सर्वे हुआ था उस समय मैं खुद मौजूद था। सबसे बड़ा एविडेंस तो ये है कि मैं आपसे कहता हूं कि आप बताइए कि जिस दिन मैं मौजूद था अगर मेरा मकसद झगड़ा कराना होता तो उस दिन होना चाहिए था जिस दिन मैं संभल मैं मौजूद था।
