अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने महाद्वीप के शीर्ष स्तर के फुटबॉल टूर्नामेंट एएफसी एशियाई कप 2031 की मेजबानी के लिए प्रस्ताव (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) पेश किया है।
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सात देशों की फुटबॉल संस्थाओं ने ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट’ (ईओआई) पेश किया, जिसमें एआईएफएफ भी शामिल है। ईओआई की समयसीमा 31 मार्च तक थी। एआईएफएफ के उप महासचिव एम सत्यनारायण ने पीटीआई से कहा, ‘‘हां, हमने 2031 एएफसी एशियाई कप की मेजबानी के लिए ईओआई पेश किया है। देखते हैं क्या होता है।’’
टूर्नामेंट की मेजबानी का अधिकार पाने के लिए भारत को ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे मजबूत फुटबॉल संस्थाओं से कड़ा मुकाबला करना पड़ेगा। इंडोनेशिया और कुवैत ने भी ईओआई पेश किया है, जबकि किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने संयुक्त बोली लगाई है। मेजबान देश का चयन 2026 में किया जाएगा जिसे टूर्नामेंट में स्वत: प्रवेश मिल जाएगा।
ये प्रतियोगिता 1956 में शुरू हुई थी। भारत 1964 चरण में उपविजेता रहा था और इसके बाद 1984, 2011, 2019 और 2023 में ग्रुप चरण में ही बाहर हो गया था। बोली लगाने वाले सात देशों में से ऑस्ट्रेलिया, यूएई, दक्षिण कोरिया और कुवैत पहले इस टूर्नामेंट की मेजबानी कर चुके हैं।
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मलेशिया के कुआलालंपुर में एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) की कार्यकारी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष शेख सलमान ने 35वीं एएफसी कांग्रेस की पूर्व संध्या पर ‘आधुनिक इतिहास में सबसे अधिक संख्या में ईओआई मिलने की तारीफ की’।
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