Nainital: उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में शनिवार को नैनीताल के जंगल में लगी आग के धुएं की वजह से लोगों को सांस संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक, अस्पतालों में सांस संबंधी मरीजों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है और इनमें वरिष्ठ नागरिक और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
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डॉक्टरों ने लोगों को मास्क, चेहरे और नाक को गीले कपड़े से ढकने, आंखों को ठंडे पानी से धोने और हो सके तो धुएं वाले वातावरण से बचने की सलाह दी है। नैनीताल की नैनी झील में बोटिंग के कारण जंगलों में भड़की आग आसपास के इलाकों में फैल गई।
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डॉक्टर पंकज पंत ने बताया कि जंगलों की आग की वजह से जो सांस वाले मरीज हैं उनकी तकलीफ बढ़ रही है। बहुत सारे सीबीओडी के मरीज हैं, अस्थमा के मरीज हैं और जो ओल्ड एज हैं, उन्हें ज्यादा परेशानी हो रही है। इसके अलावा जो छोटे बच्चे हैं उनको भी धुएं से काफी परेशानी हो रही है।
डॉक्टर चंद्र मोहन भसोरा ने बताया कि प्रयास तो ये करना चाहिए धुएं वाले वातावरण से थोड़ा दूर रहें और अगर बहुत आवश्यकता हो तो उस वातावरण में जाने की तो गीले कपड़े का प्रयोग करें। नांक और चेहरे को ढके रहे। तो जिससे की थोड़ा इसका इम्पैक्ट थोड़ा कम हो सकता है।