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भारतीय रेलवे छह वर्षों की छोटी सी अवधि में देशभर के विभिन्न मार्गों पर कवच 4.0 को लागू करने की तैयारी कर रहा है। कवच प्रणालियों पर 30,000 से ज़्यादा लोगों को पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है। आईआरआईएसईटी (भारतीय रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग एवं दूरसंचार संस्थान) ने कवच को अपने बीटेक पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए 17 एआईसीटीई-अनुमोदित इंजीनियरिंग कॉलेजों, संस्थानों और विश्वविद्यालयों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। Kavach Technology
कवच, प्रभावी ब्रेक लगाकर लोको पायलटों को ट्रेन की गति बनाए रखने में मदद करेगा। कोहरे जैसी कम दृश्यता की स्थिति में भी लोको पायलटों को सिग्नल के लिए केबिन से बाहर देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पायलट केबिन के अंदर लगे डैशबोर्ड पर जानकारी देख सकते हैं।
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कवच एक स्वदेशी रूप से विकसित रेल सुरक्षा प्रणाली है। इसे रेलगाड़ियों की गति की निगरानी और नियंत्रण करके दुर्घटनाओं को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे सुरक्षा अखंडता स्तर 4 (एसआईएल 4) पर डिज़ाइन किया गया है। यह सुरक्षा डिज़ाइन का उच्चतम स्तर है। कवच का विकास 2015 में शुरू हुआ। इस प्रणाली का 3 वर्षों से अधिक समय तक बड़े स्तर पर इसका परीक्षण किया गया। तकनीकी सुधारों के बाद इस प्रणाली को दक्षिण मध्य रेलवे (एसीआर) में स्थापित किया गया। पहला परिचालन प्रमाणपत्र 2018 में प्रदान किया गया। Kavach Technology
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आरएफआईडी टैग: ये टैग पूरी पटरी पर हर 1 किलोमीटर पर लगाए जाते हैं। हर सिग्नल पर भी टैग लगाए जाते हैं। ये आरएफआईडी टैग ट्रेनों की सटीक लोकेशन बताते हैं।
दूरसंचार टावर: ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी और बिजली आपूर्ति सहित पूर्ण दूरसंचार टावर, हर कुछ किलोमीटर पर ट्रैक की पूरी लंबाई में लगाए जाते हैं। लोको पर लगे कवच सिस्टम और स्टेशनों पर कवच नियंत्रक इन टावरों के माध्यम से लगातार संचार करते रहते हैं। यह एक दूरसंचार ऑपरेटर की तरह एक संपूर्ण नेटवर्क स्थापित करने के बराबर है। Kavach Technology
लोको कवच: यह पटरियों पर लगे आरएफआईडी टैग से जुड़कर दूरसंचार टावरों तक सूचना पहुँचाता है और स्टेशन कवच से रेडियो सूचना प्राप्त करता है। लोको कवच को इंजनों के ब्रेकिंग सिस्टम से भी जोड़ा गया है। यह सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि आपातकालीन स्थिति में ब्रेक लगाए जाएं।
ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी): ऑप्टिकल फाइबर को पटरियों के साथ बिछाया जाता है, जो उच्च गति डेटा संचार के लिए इन सभी प्रणालियों को जोड़ता है।