Deependra Hooda: SSC परीक्षाओं में खामियों का मुद्दा संसद में उठाने के लिए छात्रों का एक प्रतिनिधिमण्डल आज सांसद दीपेन्द्र हुड्डा से मिला और परीक्षाओं में गम्भीर अनियमितताओं व अभ्यर्थियों के साथ हो रहे अन्याय के संबंध में अपनी मांगों से जुड़ा ज्ञापन सौंपा। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने छात्रों की मांगों को जायज बताते हुए कहा कि परीक्षा कराने का ठेका ऐसी एजेंसी को कैसे दिया गया, जो खुद ब्लैक लिस्टेड है, जिसकी क्षमता ही नहीं है कि वो निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से ऐसी बड़ी परीक्षा को करा सके। इसका खामियाजा लाखों छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने SSC में सिस्टमैटिक रिफॉर्म का समर्थन करते हुए छात्रों से लोकसभा में इस मुद्दे को पुरजोर ढंग से उठाने का भरोसा दिया। Deependra Hooda
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प्रतिनिधिमण्डल में शामिल छात्रों ने बताया कि देशभर के लाखों अभ्यर्थी कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में सम्मिलित होते हैं, उन्हें निरंतर तकनीकी खामियों, केंद्रों की अव्यवस्था, असंवेदनशील स्टाफ व्यवहार और परीक्षा संरचना में गंभीर खामियों का सामना करना पड़ रहा है। इन मुद्दों ने अभ्यर्थियों की मानसिक, आर्थिक स्थिति को गम्भीर रूप से प्रभावित किया है। छात्रों ने बताया कि उन्हें फॉर्म भरने के दौरान आधार सत्यापन में बाधाओं का सामना करना पड़ता है।Deependra Hooda
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इससे ग्रामीण क्षेत्रों के अभ्यर्थी सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। फोटो अपलोड करते समय ‘ग्लासेस डिटेक्टेड’, ‘मल्टीपल फेस’, ‘टू क्लोज’, जैसे त्रुटि संदेश बार-बार आने से आवेदन समय पर पूरा नहीं हो पाता। सही क्रेडेंशियल्स भरने के बावजूद ‘गलत क्रेडेंशियल’ जैसी त्रुटियां दर्शाई जाती हैं। परीक्षा से 1-2 दिन पहले एडमिट कार्ड जारी होने से परीक्षा केंद्र तक यात्रा करना कठिन हो जाता है। परीक्षा केंद्र में अंतिम समय पर बदलाव और खाली एडमिट कार्ड से भ्रम होता है।Deependra Hooda
शहरी क्षेत्र में दूरदराज केंद्रों का आवंटन, वांछित शहरों के बजाय अन्य शहरों में केंद्र देना और एक ही दिन में अलग-अलग केंद्रों पर परीक्षा देना जैसी समस्याएं झेलनी पड़ती हैं। सब कुछ होने पर भी ऐन परीक्षा के दिन परीक्षा रद्द होने, पेपर लीक और फर्जी परीक्षार्थियों द्वारा धोखाधड़ी जैसी घटनाएं अभ्यर्थियों के मनोबल को तोड़ देती हैं साथ ही पूरी परीक्षा व्यवस्था से विश्वास उठा देती हैं।प्रतिनिधिमण्डल में शामिल छात्रों ने बताया कि परीक्षा के दौरान देर से एंट्री, बायोमेट्रिक में देरी, तकनीकी खामियां जैसे धीमा सर्वर या खराब कंप्यूटर, खराब गुणवत्ता के रफ शीट्स आदि परीक्षा देने में बाधा बनते हैं। परीक्षा के बाद टोटल अटेम्प्टेड प्रश्नों की जानकारी न दिखाना भी अभ्यर्थियों के लिए चिंता का विषय है।Deependra Hooda
परीक्षा केंद्रों पर इनविजिलेटर्स द्वारा कई बार नियमों का उल्लंघन, अनधिकृत व्यक्तियों की उपस्थिति जैसे मामलों से परीक्षा की निष्पक्षता खतरे में रहती है। प्रश्नपत्र से संबंधित विसंगतियाँ, सिलेबस से बाहर के प्रश्न, गलत हिंदी अनुवाद, अस्पष्ट या ग़लत चित्र तथा शिफ्ट में प्रश्नों की पुनरावृत्ति जैसी अनियमितताएं SSC की परीक्षा प्रणाली की निष्पक्षता पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाती हैं। छात्रों ने परीक्षा संरचना में गड़बड़ियों को बताते हुए कहा कि Tier-II में कम प्रश्नों के कारण चयन की कम संभावना, नॉर्मलाइजेशन से जुड़ी असमानताएं, फ़ाइनल रिजल्ट से पहले उत्तर कुंजी जारी न होना और प्रतीक्षा सूची का न होना जैसी खामियां व्यवस्था की पारदर्शिता और न्यायसंगतता को प्रभावित करती हैं। Deependra Hooda
छात्रों की प्रमुख मांग है कि SSC द्वारा सभी शिकायतों की उच्चस्तरीय जांच करवाकर समयबद्ध समाधान सुनिश्चित किया जाए। पारदर्शी, तकनीकी रूप से सुदृढ़ और उम्मीदवार-हितैषी परीक्षा प्रणाली लागू की जाए। परीक्षा केंद्रों की निगरानी हेतु थर्ड पार्टी ऑडिट और CCTV निगरानी अनिवार्य की जाए। अभ्यर्थियों से संवाद और सहयोग के लिए 24×7 हेल्पलाइन शुरू की जाए। मौजूदा एजेंसी को तुरंत बदला जाए और तकनीकी खामियों को दूर कर निष्पक्ष परीक्षा प्रणाली सुनिश्चित हो। प्रश्नों से संबंधित विसंगतियों को दूर किया जाए और टियर-2 परीक्षा में प्रश्नों की संख्या बढ़ाएँ। परीक्षा तिथि से कम से कम 4 से 5 दिन पहले प्रवेश पत्र जारी हों साथ ही मांगे गए शहरों में ही केंद्र आवंटित हों। अंतिम परिणाम घोषित करने से पहले दस्तावेज़ सत्यापन हो।Deependra Hooda