नई दिल्ली– मुंगेर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा और एक युवक की मौत पर सीआईएसएफ रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट में पूरे मामले को सम्भालने के दौरान पुलिस से हुई भारी चूक की ओर इशारा किया गया है। यह भी साफ हुआ है कि उपद्रव के दौरान युवक की मौत पुलिस की फायरिंग से हुई थी।
वहीं इस मामले में पूर्व एसपी लिपि सिंह ने दावा किया था कि उपद्रव कर रहे लोगों की ही गोली से युवक की जान गई थी। इस मामले में मुंगेर के एसपी और डीएम को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कैसे हुई हिंसा ?
सीआईएसएफ की रिपोर्ट के अनुसार 26 अक्तूबर की रात 11:20 बजे CISF के 20 जवानों की टुकड़ी मूर्ति विसर्जन के दौरान सुरक्षा ड्यूटी के लिए जिला स्कूल स्थित कैंप से गई थी। बिहार पुलिस के मार्गदर्शन में इन 20 जवानों को 10-10 की दो टुकड़ी में बांट दिया गया था। एक टुकड़ी को एसएसबी और बिहार पुलिस के जवानों के साथ दीनदयाल उपाध्याय चौक पर तैनात किया गया था।
Latest video of police brutality on devotees of Maa Durga at Munger. Shameful#LipiSinghDyer #MungerKillings #MUNGERMASSACRE pic.twitter.com/4Sg46Qqt2H
— Kanchan Singh (@kanchansingh_23) October 28, 2020
रात 11:45 बजे श्रद्धालुओं और स्थानीय पुलिस के बीच विवाद होने लगा। देखते ही देखते माहौल काफी गर्म हो गया। वहां पुलिस और सुरक्षाबलों पर पथराव होने लगा। इसके बाद पुलिस ने हवाई फायरिंग की। इस पर भीड़ और भड़क गई और तेजी से पत्थरबाजी करने लगी। ‘
नए डीएम-एसपी ने संभाली कमान
गुरुवार के उपद्रव के बाद निर्वाचन आयोग ने डीएम राजेश मीणा और एसपी लिपि सिंह को हटा दिया था। उनकी जगह डीएम रचना पाटिल और एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों को तैनात किया गया है। दोनों अधिकारियों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। मुंगेर में फिलहाल शांति है। वहीं मुंगेर हिंसा के बाद एडीजी लॉ एंड आर्डर भी वहां पहुंच गए हैं।
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कल रात में ही उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। आज फिर वह अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। बैठक में डीआईजी, एसपी सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे।