Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश सरकार ने इंदौर में मरणोपरांत देहदान करने वाले 82 वर्षीय व्यक्ति को शुक्रवार 22 अगस्त को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया और उसके पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ निजी क्षेत्र के एक चिकित्सा महाविद्यालय के लिए रवाना किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। Madhya Pradesh
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अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री मोहन यादव की मंशा के अनुसार निर्णय किया है कि मरणोपरांत देहदान और अंगदान करने वाले व्यक्तियों को राजकीय सम्मान प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उक्त निर्णय के मुताबिक शहर में इस तरह के पहले राजकीय सम्मान के तहत पुलिस कर्मियों ने अशोक वर्मा (82) को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ प्रदान किया और उनकी पार्थिव देह को श्री अरबिंदो ऑफ मेडिकल साइंसेज (सैम्स) के लिए रवाना किया गया। Madhya Pradesh
अधिकारियों ने बताया कि वर्मा का उम्र संबंधी दिक्कतों के कारण गुरुवार रात निधन हो गया था और उन्होंने अपनी मृत्यु से पहले स्थानीय संस्था ‘महर्षि दधीचि देहदान अंगदान समिति’ के जरिए देहदान का संकल्प लिया था। वर्मा, एक बैंक से सेवानिवृत्त होने के बाद शहर में दवाई की दुकान चलाते थे। उनके पार्थिव शरीर को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के साथ चिकित्सा महाविद्यालय के लिए रवाना किए जाने के दौरान उनके परिवार के लोगों की आंखें राजकीय सम्मान के गर्व और स्वजन की अंतिम विदाई के गम की मिली-जुली भावनाओं के चलते नम हो गईं। Madhya Pradesh
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अशोक वर्मा की बहू ममता वर्मा ने पीटीआई वीडियो को बताया कि मेरे ससुर बेहद सकारात्मक स्वभाव वाले थे। वह अपने जीवनकाल के दौरान लोगों को देहदान के लिए लगातार प्रेरित करते रहते थे। उन्होंने वर्ष 2014 में अपने एक पुत्र के निधन के बाद उसका भी देहदान कराया था। ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के दौरान वर्दीधारी पुलिस कर्मी या सैनिक अपने हथियारों सहित कतार में खड़े होते हैं। गारद का नेतृत्व करने वाले अधिकारी के आदेश पर इस दस्ते के सदस्य अपने हथियार को ‘सलामी’ की स्थिति में लाकर संबंधित व्यक्ति के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं। सरकारी प्रोटोकॉल के तहत आमतौर पर विशिष्ट और अति विशिष्ट श्रेणी के लोगों को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया जाता है।