हरियाणा विधानसभा में गरजे CM सैनी, विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव पर बोले- अपराधों पर जीरो टॉलरेंस

Haryana Politics:

Haryana Politics: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है। इस नीति की घोषणा उन्होंने 18 अक्टूबर, 2024 को प्रथम मंत्रिमंडल बैठक के बाद ही कर दी थी। उस समय मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने साफ शब्दों में चेतावनी दी थी कि अपराधी या तो अपने रास्ते बदल लें अन्यथा सरकार उन्हें सुधारने के लिए बाध्य करेगी। किसी भी व्यक्ति की सामाजिक हैसियत या प्रभावशाली पद के बावजूद, यदि वह कानून तोड़ेगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। हरियाणा में कानून की सर्वोच्चता स्थापित होगी, अपराधी की हैसियत नहीं।Haryana Politics

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मुख्यमंत्री आज विधानसभा में विपक्ष द्वारा प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर वक्तव्य दे रहे थे।उन्होंने कहा कि उनकी स्पष्ट चेतावनी का ही परिणाम है कि आज हरियाणा में प्रमुख अपराधों की संख्या और दर दोनों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। वर्ष 2014 से पूर्व की स्थिति के विपरीत आज न तो नागरिक को एफआईआर दर्ज करवाने में कोई बाधा आती है और न ही पुलिसकर्मी को अपराधियों पर कार्रवाई करने से भयभीत होना पड़ता है। अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई के कारण आज प्रदेश की जनता का हरियाणा पुलिस पर भरोसा और अधिक मजबूत हुआ है।Haryana Politics

विपक्ष पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की तख्तियां लेकर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल (2004-2014) में बलात्कार की घटनाएं तीन गुना बढ़ीं। वर्ष 2004 में ऐसे 386 मामले दर्ज हुए थे, जो 2014 में बढ़कर 1174 तक पहुँच गए। उन्होंने विपक्ष को असंवेदनशील सरकार बताते हुए कहा कि दस वर्षों के शासनकाल में कांग्रेस ने मात्र एक ही महिला थाना, खानपुर कलां में खोला।मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान हरियाणा सरकार महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस दिशा में, राज्य भर में 33 महिला पुलिस थाने स्थापित किए गए हैं। समर्पित महिला हेल्पलाइन 1091 को डायल-112 के साथ एकीकृत किया गया है। 2018 में ‘दुर्गा शक्ति’ ऐप लॉन्च किया गया था, जो सुरक्षा अलर्ट के माध्यम से महिलाओं को तुरंत पुलिस सहायता प्रदान करता है। ‘दुर्गा शक्ति रैपिड एक्शन फोर्स’ का गठन कर प्रमुख स्थानों पर तैनात किया गया है। डीएसआरएएफ के 46 वाहनों को डायल 112 के साथ एकीकृत किया गया है। इसके अतिरिक्त, रोहतक के सुनारिया में एक महिला पुलिस ‘दुर्गा बटालियन’ स्थापित की गई है, जिसमें कुल 540 महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं। इन प्रयासों के चलते महिलाओं में सुरक्षा की भावना और प्रबल हुई है।Haryana Politics

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कांग्रेस शासन के दौरान घटित एक मामले का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि 10 अप्रैल, 2008 को रोहतक थाना परिसर में ही 5 पुलिसकर्मियों ने एक महिला के साथ बलात्कार किया। पीड़िता 40 दिनों तक न्याय और कार्रवाई के लिए दफ्तरों और अधिकारियों के चक्कर काटती रही, लेकिन न तो पुलिस ने उसकी सुनी और न ही उस समय के किसी विधायक, सांसद या मंत्री ने मदद की। अंततः जब मामला लगातार मीडिया की सुर्खियाँ बना तो 31 मई, 2008 को एफआईआर दर्ज हुई। इसके बाद भी पीड़िता को इतनी प्रताड़ना झेलनी पड़ी कि 9 जून, 2008 को उसने पंचकूला में पुलिस मुख्यालय के बाहर जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मामले में हड़कंप मचने पर कांग्रेस सरकार ने 16 जून, 2008 को केस सीबीआई को सौंपा। पाँच वर्ष बाद 20 जुलाई, 2013 को सीबीआई अदालत ने एक सब इंस्पेक्टर और एक हेडकांस्टेबल को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई।Haryana Politics

इसके विपरीत, मौजूदा सरकार की त्वरित कार्रवाई का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 सितंबर, 2024 को जिला यमुनानगर में एक नाबालिग के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने 24 घंटे के भीतर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और मात्र 8 माह में, 15 मई 2025 को, अदालत से उसे फांसी की सजा सुनाई । मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री की दूरदर्शी सोच से ही अंग्रेजों के बनाए पुराने कानूनों को हटाकर नए आपराधिक कानून लागू किए गए, जिनकी वजह से यह संभव हुआ।उन्होंने बताया कि मौजूदा कार्यकाल में अनेक मामलों में 7-8 महीनों के भीतर ही दोषियों को 20-20 वर्ष की सजा, आजीवन कारावास अथवा फांसी की सजा सुनाई गई है। इससे स्पष्ट है कि डबल इंजन सरकार ने अपराधियों पर प्रभावी नकेल कसी है।इनेलो के एक पूर्व विधायक पर मई 2011 में रोहतक जिले के कलानौर अनाज मंडी में गोलीबारी कर हत्या का आरोप लगा था। घटना के बाद आरोपी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने पैतृक गांव मोखरा को समर्थकों की मदद से किले में बदल दिया।Haryana Politics

रोहतक के बहुचर्चित अपना घर कांड का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मई 2012 में यह जघन्य अपराध हुआ, जिसमें अनाथालय की बच्चियों पर अमानवीय अत्याचार किए जाते थे। 8 मई, 2012 को राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग की टीम ने छापा मारकर लगभग 120 बच्चियों को मुक्त कराया। जून 2012 में यह केस सीबीआई को सौंपा गया। अप्रैल 2018 में सीबीआई की विशेष अदालत ने मुख्य संचालिका जसवंती देवी और उसके दामाद जयभगवान सहित 9 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए कठोर सजाएं सुनाईं।कांग्रेस कार्यकाल की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 13 जून, 2008 को एक प्रमुख हिंदी अखबार ने “लंबी है हरियाणा पुलिस के कारनामों की फेहरिस्त” शीर्षक से रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें 1996 से 2008 तक पुलिस अधिकारियों के दुराचार, रिश्वतखोरी और अपराधों का विवरण था। उन्होंने इस उदाहरण से विपक्ष को कठघरे में खड़ा किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के प्रत्येक नागरिक और उसकी संपत्ति की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च जिम्मेदारी है, जिसे निभाने में वे कभी पीछे नहीं हटे हैं और न कभी हटेंगे।Haryana Politics

मुख्यमंत्री ने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि वर्ष 2014 में पूरे प्रदेश में 1106 हत्या के मामले दर्ज हुए थे जबकि 2024 में 965 हत्या के मामले दर्ज हुए। 2014 की तुलना में 2024 में हत्या की वारदातों में 12 प्रतिशत की कमी आई है। इस हिसाब से कांग्रेस कार्यकाल में रोज 4 हत्याएं होती थी।उन्होंने सदन को बताया कि 1 जनवरी 2024 से अब तक हरियाणा पुलिस ने 110 मुठभेड़ों में 13 कुख्यात अपराधियों को ढेर किया और 157 को घायल किया है। लगभग 75% साइबर अपराध प्रदेश से बाहर से संचालित होते हैं, लेकिन कठोर कार्रवाई के कारण अनेक गैंगस्टर विदेशों में जाकर छिपने को विवश हुए हैं। 13 जुलाई, 2024 से अब तक 5 कुख्यात गैंगस्टरों को विदेश से गिरफ्तार कर लाया गया है, जबकि पिछले 5 वर्षों में 9 गैंगस्टर विदेश से पकड़े गए हैं।Haryana Politics

मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए सभी को सामूहिक प्रयास करना चाहिए। उन्होंने चिंता जताई कि सोशल मीडिया के कुछ वर्ग अपराधियों और गैंगस्टरों का महिमामंडन करते हैं, जिससे युवाओं में उनकी छवि नायक जैसी बनती है। यह प्रवृत्ति न केवल समाज की सांस्कृतिक और नैतिक नींव को कमजोर करती है बल्कि पुलिस बल की मेहनत को भी आघात पहुँचाती है। उन्होंने कहा कि मीडिया को अपराधियों और गैंगस्टरों से किसी भी प्रकार के महिमामंडन करने से परहेज करना चाहिए।मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा अध्यक्ष श्री हरविंद्र कल्याण की कार्यकुशलता और सूझबूझ की खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व और संयमित आचरण से पूरे सदन की कार्यवाही गरिमामय और सुचारू रूप से संचालित हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के साथीगणों ने सत्र के प्रथम दिन ही अध्यक्ष महोदय के धैर्य और सहनशीलता की परीक्षा लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अध्यक्ष महोदय ने बड़े ही संतुलित और निष्पक्ष तरीके से सदन को संचालित किया। आपकी सूझबूझ का ही परिणाम है कि अभी तक सत्र में किसी भी सदस्य को न तो नेम करना पड़ा और न ही सदन से बाहर निकालने जैसी स्थिति उत्पन्न हुई। मुख्यमंत्री ने इसे अध्यक्ष महोदय की लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति निष्ठा, सहनशीलता और कार्यकुशलता का श्रेष्ठ उदाहरण बताया।Haryana Politics

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