Ladakh: लद्दाख मैराथन के 12वें संस्करण के तहत आयोजित ‘रन फॉर फन’ मैराथन में शनिवार 13 सितंबर को छात्रों और दिव्यांगों सहित लगभग 1,650 धावकों ने हिस्सा लिया लद्दाख के उप-राज्यपाल कविंदर गुप्ता ने एनडीएस ग्राउंड के पास मैराथन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिला, बल्कि देश-विदेश के धावकों को आकर्षित करके स्थानीय समुदायों के लिए आजीविका के नए अवसर भी पैदा हुए। गुप्ता ने कहा, लद्दाख मैराथन भारत की सबसे लंबी दूरी की दौड़ों में से एक बनकर उभरी है, जो अब एक विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रतियोगिता है। इस साल 30 से अधिक देशों के 6,000 से अधिक धावकों के भाग लेने के साथ इस मैराथन ने लद्दाख को वैश्विक खेल मानचित्र पर मजबूती से स्थापित कर दिया है। Ladakh
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उप-राज्यपाल ने आगे कहा कि इस आयोजन का चुनौतीपूर्ण उच्च-ऊंचाई वाला इलाका, लद्दाख की अनूठी संस्कृति के साथ मिलकर इसे प्रतिभागियों के लिए प्रेरणादायक अनुभव बनाता है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कमी वाले वातावरण और अप्रत्याशित पहाड़ी मौसम के बावजूद धावकों ने इस आयोजन के दौरान बहुत ज्यादा उत्साह दिखाया। गुप्ता ने ये भी कहा कि एआईएमएस प्रमाणन, खारदुंग ला चैलेंज और सिल्क रूट अल्ट्रा जैसी प्रतिष्ठित दौड़ों और लद्दाखी लोगों की गर्मजोशी से भरी भागीदारी ने इस आयोजन को वास्तव में विशिष्ट बना दिया है। Ladakh
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उप-राज्यपाल ने दिव्यांगों की भागीदारी की विशेष सराहना की और कहा कि उनका दृढ़ संकल्प और उत्साह समाज के लिए सच्ची प्रेरणा है, जो मैराथन की समावेशी भावना को दर्शाता है और साहस, समानता और दृढ़ता का मजबूत संदेश देता है। गुप्ता ने युवाओं से खेलों और शारीरिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने की भी अपील की और इस बात पर ज़ोर दिया कि खेल न केवल फिटनेस और अनुशासन सिखाते हैं बल्कि व्यक्तिगत विकास और राष्ट्रीय गौरव के अवसर भी प्रदान करते हैं। Ladakh