उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक नगरी एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव हो रहे हैं। शहर में जल्द ही आपको कैंट स्टेशन से गोदोलिया तक रोप-वे की सवारी करने को मिलेगी। ये रूट करीब 3.8 किलोमीटर लंबा होगा और इस मार्ग में तीन स्टेशन बनाए जा रहे हैं।
Read Also: जम्मू-कश्मीर: उधमपुर में आतंकवादियों की तलाश और तेज, घायल जवान की इलाज के दौरान हुई मौत
आपको बता दें, किसी शहर में चलने वाली ये रोप-वे प्रणाली एशिया में पहली होगी। फिलहाल ये परियोजना अपने अंतिम चरण में है और कड़े सुरक्षा परीक्षणों से गुजर रही है। इस रोप-वे प्रणाली को प्रति घंटे 3,000 यात्रियों को ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह रोप-वे भारत के सबसे पुराने और व्यस्ततम शहरों में से एक वाराणसी में यातायात की भीड़ को कम करने और यात्रा के समय को काफी कम करने के लिए तैयार किया गया है।
लोगों ने नई पहल का स्वागत किया है। कई लोगों का कहना है कि इससे उन्हें रोजाना की ट्रैफिक समस्याओं से निजात मिलेगी साथ ही इस पवित्र शहर में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों का मानना है कि रोप-वे के चालू हो जाने से वाराणसी के शहरी परिवहन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा, आवागमन आसान होगा और शहर में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी।