Jharkhand: झारखंड के सुदूर कोने में बसा एक छोटा-सा जिला… सिमडेगा, जो देश के हॉकी खिलाड़ियों की नर्सरी बन गया है। और यहां का सीएम स्कूल ऑफ एक्सिलेंस,ऐसा संस्थान है जो शिक्षा के साथ-साथ खेल, खासकर हॉकी, को विशेष प्राथमिकता देता है।यहां पढ़ने वाली छात्राएं न केवल पढ़ाई में अव्वल हैं, बल्कि हॉकी के खेल में भी माहिर हैं और देश का नाम रोशन कर रही हैं।सीएम स्कूल ऑफ एक्सिलेंस , मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ऐसा विजन है, जिसका मकसद प्रदेश के युवाओं का सर्वांगीण विकास है। Jharkhand
Read also- Ladakh: लेह हिंसा की जांच चार हफ्ते में पूरी होगी
सीएम स्कूल ऑफ एक्सिलेंस, सिमडेगा के पास आधुनिक एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान है, जहां हर दिन लड़कियां कठिन मेहनत करती हैं। उनके पसीने की हर बूँद, उनके सपनों को उड़ान देने का ज़रिया बनती हैं।
लेकिन ये कहानी सिर्फ एक स्कूल की नहीं है… सिमडेगा अब, भारत का उभरता हुआ हॉकी और दूसरे खेलों का हब बन गया है। अकेले सिमडेगा जिले में –Jharkhand
Read also-Zubeen Garg: पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा, तैरने के दौरान हुई जुबिन गर्ग की मौत
– 2 आवासीय बालिका हॉकी प्रशिक्षण केंद्र
– 1 आवासीय बालक हॉकी प्रशिक्षण केंद्र
– बालक और बालिका दोनों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस – हॉकी
– आवासीय बालक फुटबॉल प्रशिक्षण केंद्र
– 11 डे-बोर्डिंग क्रीड़ा प्रशिक्षण केंद्र
– और एक अत्याधुनिक “खेलो इंडिया एथलेटिक्स सेंटर” भी है।Jharkhand
यह सिर्फ आंकड़े नहीं हैं… यह उस परिवर्तन की बुनियाद है, जहां खेल को अब जीवन और करियर का विकल्प माना जा रहा है। झारखंड की कई बेटियां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हॉकी खेल चुकी हैं। सलीमा टेटे भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान हैं, जिन्हें अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। जो प्रदेश की दूसरी बेटियों के लिए प्रेरणा बन रही हैं और सीएम स्कूल ऑफ एक्सिलेंस उन्हें उनके सपनों को पंख देने के लिए खुला आसमान दे रहा हैं।Jharkhand