रुड़की के एक स्टार्टअप ने पाइपलाइन लीक का पता लगाने के लिए AI-संचालित स्वदेशी उपकरण विकसित किया है। एक AI-संचालित उपकरण जो पाइपलाइन लीक का पता लगाने का दावा करता है। यह ‘लीकसेंस’ है, जिसे रुड़की स्थित स्टार्टअप i-Spock ने विकसित किया है। Roorkee
डेवलपर्स का कहना है कि यह एक पूर्णतः स्वदेशी समाधान है जो 220 मीटर तक की सटीकता के साथ पाइपलाइन में लीक का पता लगा सकता है और कुछ ही सेकंड में ऑपरेटरों को अलर्ट भेज सकता है। यह प्रणाली पाइपलाइन में लीक होने पर उत्पन्न होने वाली नकारात्मक दबाव तरंगों का पता लगाकर काम करती है। Roorkee
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हालाँकि हर दबाव में गिरावट लीकेज के कारण नहीं होती, स्टार्टअप का दावा है कि AI मॉडल इतना स्मार्ट है कि हवा के बुलबुले, परिचालन परिवर्तनों या वास्तविक लीक के कारण होने वाली गिरावटों में अंतर कर सकता है। इस परियोजना को इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड से सीड फंडिंग मिली है।
स्टार्टअप i-Spock का कहना है कि वह अब इस उत्पाद को बेहतर बनाने पर काम कर रहा है ताकि यह ड्रिलिंग या छेड़छाड़ की गतिविधियों का भी पता लगा सके और लीक होने से पहले ही उन्हें रोक सके। स्टार्टअप ने अपने इस नवाचार के लिए पेटेंट के लिए आवेदन किया है, जो फिलहाल लंबित है। Roorkee
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