Tamil Nadu: उच्चतम न्यायालय तमिलनाडु में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कराने के निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली डीएमके की याचिका पर 11 नवंबर को सुनवाई के लिए सहमत हो गया। द्रविड़ मुनेत्र कषगम यानी डीएमके की ओर से पेश हुए वकील विवेक सिंह ने प्रधान न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ से याचिका पर तत्काल सुनवाई का आग्रह किया।
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प्रधान न्यायाधीश ने इस पर कहा कि इसे मंगलवार 11 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करें। डीएमके के संगठन सचिव आर. एस. भारती ने तीन नवंबर को एसआईआर के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया और इस प्रक्रिया को ‘‘असंवैधानिक, मनमाना और लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए खतरा’’ बताया। वरिष्ठ अधिवक्ता और सांसद एन. आर. एलांगो द्वारा तैयार ये याचिका वकील विवेक सिंह ने दायर की थी और इसमें राज्य में एसआईआर लागू करने के लिए निर्वाचन आयोग की 27 अक्टूबर की अधिसूचना को रद्द करने का अनुरोध किया गया था।
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याचिका में विशेष निरीक्षण रिपोर्ट (एसआईआर) को अनुच्छेद 14, 19 और 21 (समानता का अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जीवन का अधिकार) और संविधान के अन्य प्रावधानों, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम और 1960 के निर्वाचक पंजीकरण नियमों का उल्लंघन बताया गया है।
