Germany: कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी इन दिनों जर्मनी के दौरे पर हैं। बर्लिन के ‘हर्टी स्कूल’ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और भाजपा-RSS की विचारधारा पर तीखा प्रहार किया है। राहुल गांधी ने कहा कि भारत में इस समय दो अलग-अलग दृष्टिकोणों की लड़ाई चल रही है। Germany:
जर्मनी की राजधानी बर्लिन में ‘राजनीति सुनने की कला है’ (Politics is the Art of Listening) विषय पर चर्चा करते हुए राहुल गांधी ने भारतीय लोकतंत्र की वर्तमान स्थिति पर अपनी बेबाक राय रखी। राहुल गांधी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आज भारत दो विचारधाराओं के टकराव के चौराहे पर खड़ा है।राहुल गांधी ने कहा कि यह-दो दृष्टिकोणों का टकराव: एक तरफ भाजपा-RSS का ‘मजबूत नेता’ वाला मॉडल है, दूसरी तरफ संवाद और आम सहमति का मॉडल। Germany:
विविधता का सम्मान: भारत इतना जटिल है कि कोई एक व्यक्ति इसका भविष्य तय नहीं कर सकता।संविधान का हवाला: भारत ‘राज्यों का संघ’ है, जहाँ हर संस्कृति और भाषा की आवाज़ मायने रखती है।चर्चा का अभाव: वर्तमान सरकार (भाजपा) संवाद और चर्चा के रास्ते बंद कर रही है। Germany:
राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस के शासन मॉडल पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे एक ‘मजबूत नेता’ के शासन में विश्वास रखते हैं, जबकि कांग्रेस का मानना है कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश को चलाने का एकमात्र तरीका ‘संवाद’ और ‘आम सहमति’ है।राहुल गांधी ने कहा कि”भारत इतना जटिल और विविधतापूर्ण है कि एक व्यक्ति इसका भविष्य तय नहीं कर सकता। हमारा संविधान इसे राज्यों का संघ बताता है, जहाँ अनेक दृष्टिकोणों को सुना जाना चाहिए। लेकिन नया मॉडल इस चर्चा को करना ही नहीं चाहता।” Germany:
वही राहुल गांधी के आरोपों पर बीजेपी ने जोरदार पलटवार किया है।बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी पर विदेश में देश को बदनाम करने के आरोप लगाते हुए हमला बोला है। सुधांशु त्रिवेदी, नेता बीजेपी- राहुल गांधी के इस बयान ने एक बार फिर देश में ‘संविधान बनाम सत्ता’ की बहस को तेज कर दिया है। जहाँ एक तरफ कांग्रेस इसे लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई बता रही है, वहीं बीजेपी और सरकार इसे राहुल गांधी पर विदेशी धरती से देश को बदनाम करने के आरोप लगाते हुए पलटवार कर रही है। Germany:
