नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट द्वारा कृषि कानूनों को लेकर गठित समिति के सदस्य भुपिंदर सिंह मान ने खुद को अलग कर लिया है।
उन्होंने कहा कि वो किसानों से बात करने के लिए बनाई गई समिति में जगह देने के लिए शुक्रगुजार हैं, लेकिन किसानों और आम लोगों में उनको लेकर चल रही शंकाओं के चलते वो खुद को इससे अलग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वो किसानों और पंजाब के साथ हैं। सुप्रीम कोर्ट ने किसान और सरकार के बीच गतिरोध को खत्म करके समाधान निकालने के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाई है।
इस कमेटी में ऑल इंडिया किसान कॉर्डिनेशन कमेटी के प्रमुख और पूर्व राज्यसभा सांसद भूपिंदर सिंह मान को भी शामिल किया गया था।
उनका संगठन के तहत कई किसान संगठन आते हैं, ऐसे में किसानों पर उनका प्रभाव भी अच्छा है। आपको बता दें, ऑल इंडिया किसान कॉर्डिनेशन कमेटी के प्रमुख भूपिंदर सिंह मान ने दिसंबर महीने में ही कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर नए कानूनों का समर्थन कर दिया था।
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हालांकि, कुछ संशोधनों की मांग जरूर की थी, जिनमें एमएसपी पर लिखित गारंटी देने को कहा गया था। भूपिंदर सिंह मान का आंदोलनरत किसान विरोध कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने किसान और सरकार के बीच गतिरोध को खत्म करके समाधान निकालने के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाई है।
इस कमेटी में ऑल इंडिया किसान कॉर्डिनेशन कमेटी के प्रमुख और पूर्व राज्यसभा सांसद भूपिंदर सिंह मान को भी शामिल किया गया था।
मंगलवार को तीन कृषि कानूनों पर अहम फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक इनके अमल पर रोक लगा दी थी।
साथ ही कोर्ट ने जमीनी स्थिति समझने के लिए एक चार सदस्यीय समिति का गठन किया था और सभी पक्षों को इसके सामने अपनी दलीलें रखने को कहा।
इस समिति में भूपिंदर सिंह मान, अंतरराष्ट्रीय नीति संस्थान के प्रमुख डॉ प्रमोद कुमार जोशी, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और शेतकारी संगठन के अनिल घनवट को जगह दी थी।
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