करनाल ( रिपोर्ट- विकास मेहला ) : भारतीय किसान यूनियन गुरनाम सिंह चढूनी के आह्वान पर करनाल के जिला सचिवालय पहुँचकर किसानों ने प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम किसान आंदोलन के दौरान जेलों में बंद किसानों को बिना शर्त छोड़े जाने की मांग की । साथ ही किसानों द्वारा अपील की गई की कोई भी किसान भाई अपने खेतों में खड़ी हुई फसल को नही जोते, फसल को तैयार कर मजदूरों में फ्री में बांट दे।
गौरतलब है कि अभी कुछ समय पहले महापंचायत के दौरान राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन को तेज करने के लिए भाषण के दौरान फसल जलाने तक की बात बोल दी थी लेकिन वो ऐसी स्थिति में था जब सरकार उनकी बात ना मानें हांलाकि इस फैसले में बदलाव करते हुए चढूनी ने कहा है कि की कोई भी किसान ऐसा ना करें ।
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वही दूसरी तरफ 26 जनवरी की घटना के बाद व किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, अब किसान संगठनों द्वारा उन किसानों की रिहाई की मांग भी किसान उठा रहे है। जिसको लेकर आज करनाल में भी भारतीय किसान यूनियन चढूनी से जुड़े किसानों द्वारा जिला सचिवालय करनाल में पहुँचकर कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर जेल में बंद किसानों को रिहाई की मांग को लेकर तहसीलदार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा ।
वही कुछ किसान कृषि कानूनों के विरोध में अपनी खेतो में खड़ी हुई फसलों को जोत रहे है। ऐसा एक मामला करनाल के गांव में भी सामने आया था एक किसान ने अपनी 5 एकड़ फसल को जोत दिया था। ज्ञापन देने पहुँचे किसानों द्वारा अपील की गई कोई भी किसान भाई अपने खेतों में खड़ी हुई फसल को नही जोते ब्लकि बेहतर फसल को तैयार कर मजदूरों में फ्री में बांट दे। किसान अपनी फसल को बच्चों की तरह पालता है इसलिए कोई भी किसान ऐसा ना करे। फिलहाल किसान जेलों में बंद किसानों की रिहाई की मांग कर रहे है। आने वाले दिनों में भी किसान अपने आंदोलन को और तेज कर सकते है।
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