नई दिल्ली: अमेरिका और चीन के बाद अब भारत में पेटीएम बैंक ने क्रिप्टोकरंसी ट्रांजेक्शन रोकने का एलान किया है। भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के आदेश के बाद बैंक ने क्रिप्टोकरंसी में ट्रांजेक्शन बंद करने का फैसला किया है।
क्रिप्टोकंसी बंद होने से उन निवेशकों को गहरा धक्का लगेगा, जिन्होंने इसमें निवेश किया था, क्योंकि उनका पैसा क्रिप्टो मार्केट में फंस जाएगा।
अलग-अलग क्रिप्टो एक्सचेंज के डाटा के अनुसार, करीब डेढ़ करोड़ भारतीयों ने क्रिप्टोकरंसी बाजार में 15 हजार करोड रुपए का निवेश किया है। यह निवेश वजीर एक्स, कॉइन स्विच जैसी एप्लिकेशन के जरिए किया गया है।
बिटकॉइन गुरुवार को अपने उच्चतम स्तर 42 हजार पर पहुंचकर शुक्रवार को धड़ाम से निची आ गिरी। इसमें 10 फीसदी की गिरावट आई और यह 36876 तक पहुंच गया। अमेरिका और चीन इसी हफ्ते इस पर सख्ती लगाई है।
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चीन ने अपने बैंकों, वित्तीय संस्थानों और पेमेंट कंपनियों को क्रिप्टो करेंसी लेनदेन से संबधित सेवाओं पर रोक लगा दी है। साथ ही, निवेशकों को क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर चेतावनी दी है।
यहां के विशेषज्ञों ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें आसमान छू रही हैं। इससे सट्टा व्यापार तेजी से बढ़ता जा रहा है। इससे आम लोगों की संपत्ति की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा है।
चीन की पाबंदी के बाद बिटकॉइन में गिरावट के बाद यूनिस्वैप और अन्य क्रिप्टो करेंसी में भी 20 फीसदी तक गिरावट दर्ज की।
दरअसल, चीन को अनुमान है कि अगर क्रिप्टो करेंसी का चलन तेजी से बढ़ गया तो इससे शेयर बाजार, वित्तीय संस्थाएं समेत अन्य वित्तीय लेनदेन प्रभावित होंगी। इसलिए चीन ने इसे रोक लगाने का फैसला किया है।
अमेरिका के वित्तीय विभाग ने क्रिप्टो करेंसी में हो रहे निवेश पर नियंत्रण के लिए क्रिप्टो करेंसी में किए जाने वाले 10 हजार डॉलर के ऊपर के निवेश की जानकारी इंटरनल रैवेन्यू सर्विस को देने को बनाया है।
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