16 जून से देश में बीआईएस हॉलमार्किंग सिस्टम को लागू कर दिया गया। इसका मतलब देश में केवल हॉलमार्क जूलरी ही आप ख़रीद पाएँगे लेकिन देशभर में ज्वैलर्स के पास रखे पुराने स्टॉक पर हॉलमार्क करने की अखिरी तारीख 31 अगस्त, 2021 तक बड़ा दी गयी। हॉलमार्किंग को लेकर बनाई गयी नेशनल टास्क फ़ोर्स के सदस्यों की मानें तो BIS ने मनमाने ढंग से ये नया मार्केटिंग सिस्टम लागू किया है जिसका सोने की प्युरिटी से कोई लेना देना नहीं है बल्कि जूलरी इंडस्ट्री पर मुनिमगिरी का बोझ बड़ाना है।
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इस टीम के सदस्यों की माने तो अभी वर्तमान में 5 करोड़ पीस के मौजूदा स्टॉक को हॉलमार्क करना ज़रूरी है। हॉलमार्क सेंटर्ज़ की 1 लाख पीस की क्षमता के हिसाब से इसमें 500 दिन लगेंगे यानी 18 महीने और 900 टन के मार्केट साइज़ को ध्यान में रखे तो नुक़सान 4,50,000 करोड़ का हो सकता है। ऐसे में ये उद्योग पूरी तरह से ढह जाएगा।
कुल मिलाकर, हॉलमार्किंग प्रॉसेस को BIS ने बेहद लम्बा कर दिया है जिसका ख़ामियाँ होलसेलर से लेकर कस्टमर तक सबको भुगतना पड़ेगा।