नई दिल्ली: पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की। इस योजना में देश के हर नागरिक का हेल्थ कार्ड बनेगा।
एनडीएचएम के अंतर्गत हर भारतीय को एक यूनिक डिजिटल हेल्थ आईडी मिलेगी और इससे देश में एक डिजिटल हेल्थ सिस्टम तैयार किया जा सकेगा।
पीएम मोदी ने पिछले साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान की पायलट परियोजना की घोषणा की थी।
वर्तमान में इस योजना को छह केंद्र शासित प्रदेशों में प्रारंभिक चरण में लागू किया गया है। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि बीते सात वर्षों में, देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का जो अभियान चल रहा है, वो आज से एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है।
आज एक ऐसे मिशन की शुरुआत हो रही है, जिसमें भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की ताकत है।
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पीएम नरेंद्र मोदी डिजिटल इंडिया अभियान बारे में बताते हुए कहा कि इसने देश के सामान्य नागरिक की ताकत बढ़ा दी है।
आज हमारे देश के पास 130 करोड़ आधार नंबर, 118 करोड़ मोबाइल यूजर, 80 करोड़ इंटरनेट यूजर, 43 करोड़ जनधन बैंक खाते हैं। ऐसा दुनिया में कहीं नहीं है।
पीएम मोदी ने कहा कि आरोग्य सेतु ऐप से कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिली, इसके साथ ही भारत सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन दे रहा है।
अबतक 90 करोड़ वैक्सीन लग पाई हैं और इसमें को-विन का बहुत बड़ा रोल है। अगर आपका यूनिक हेल्थ कार्ड बन गया तो यह आपके और डॉक्टर, दोनों के लिए फायदेमंद होगा।
इससे मरीजों को तो डॉक्टर से दिखाने के लिए मेडिकल फाइल ले जाने से छुटकारा मिलेगा ही, साथ ही डॉक्टर भी मरीज का यूनिक हेल्थ आईडी देखकर उसकी बीमारियों का पूरा डेटा निकाल लेंगे और तब उसके आधार पर ही आगे का इलाज शुरू हो सकेगा।
इस यूनिक हेल्थ कार्ड के जरिये पता चल सकेगा कि आयुष्मान भारत के तहत मरीज को इलाज की सुविधाओं का लाभ मिलता है या नहीं।
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इस हेल्थ कार्ड से ये भी पता चल सकेगा कि मरीज को स्वास्थ्य से संबंधित किन-किन सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है।
सार्वजनिक अस्पताल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और नेशनल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर रजिस्ट्री से जुड़े हेल्थकेयर प्रोवाइडर, किसी व्यक्ति का हेल्थ कार्ड बना सकते हैं।
आप खुद से भी हेल्थ आईडी बना सकते हैं। इसके लिए आपको https://healthid.ndhm.gov.in/register पर खुद के हेल्थ रिकॉर्ड्स को रजिस्टर कराना होगा।
हेल्थ आईडी में ये बातें होंगी दर्ज
-जिस व्यक्ति की आईडी बनेगी उससे मोबाइल नंबर और आधार नंबर लिया जाएगा।
-आधार और मोबाइल नंबर की मदद से यूनिक हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा।
-इसके लिए सरकार एक हेल्थ अथॉरिटी बनाएगी जो व्यक्ति का एक-एक डेटा जुटाएगी।
-जिस व्यक्ति की हेल्थ आईडी बननी है, उसके हेल्थ रिकॉर्ड जुटाने के लिए हेल्थ अथॉरिटी की तरफ से इजाजत दी जाएगी। इसी आधार पर आगे का काम बढ़ाया जाएगा।
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