यमुनानगर(राहुल सहजवानी): यमुनानगर के ऐतिहासिक कपालमोचन तीर्थ में लाखों श्रद्धालुओं ने कार्तिक पूर्णिमा के लिए आधी रात को ही पवित्र स्नान कर दीपदान शुरू कर दिया और मन्नतें मांगी। इस दौरान पहले मांगी गई मन्नतों के पूर्ण होने पर पूजा-अर्चना की।
वहीं, कपालमोचन मेले की परंपरा है कि पूर्ण स्नान तक जहां अन्य प्रदेशों के श्रद्धालु मेला स्थल पर पहुंचकर पंच स्नान करते हैं। वहीं, पूर्ण स्नान के बाद मेला संपन्न होने पर स्थानीय श्रद्धालु मेले में तीनों सरोवरों में स्नानकर पूजा अर्चना करते हैं।
यमुनानगर के कपालमोचन तीर्थ सरोवरों के तटों पर कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर पवित्र स्नान व पूजा अर्चना करने के लिए करीब 5 लाख से अधिक तीर्थ यात्री हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, केंद्र शासित प्रदेश, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों से पहुंच गए हैं।
क्षेत्र में ठंड काफी बढ़ गई है और शुक्रवार को दिनभर कोहरा छाया रहा। लेकिन यात्रियों की श्रद्धा व आस्था के आगे मौसम की परवाह नहीं करते हुए श्रद्धालुओं का आना लगातार जारी है।
कपाल मोचन मेले में तीन सरोवर हैं. सूरज कुंड सरोवर, ऋणमोचन सरोवर और कपाल मोचन तीर्थ सरोवर हैं। श्रद्धालु तीनों सरोवरों में पवित्र स्नान व पूजा अर्चना करते हैं।
पुराणों के अनुसार इस तीर्थ पर त्रेता युग में रावण का वध करने के बाद भगवान राम, महाभारत युद्ध के बाद भगवान श्री कृष्ण, पांडवों को यहां लेकर आए और पवित्र स्नान के बाद पूजा अर्चना की थी।
गौरतलब है कि यहां पर श्रद्धालु सरोवरों में स्नान के बाद अपने पितरों के निमित दीपदान करते हैं ! श्रद्धालु क्रमवार तीनों सरोवरों में स्नान कर दीप जलाकर पूजा अर्चना कर रहे हैं।
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