प्रदीप कुमार की रिपोर्ट – यूक्रेन में रूसी हमले को तत्काल रोकने और सभी रूसी बलों की वापसी की मांग संबंधी प्रस्ताव पर 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में बुधवार को मतदान हुआ।संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस के खिलाफ प्रस्ताव को बहुमत से पारित कर दिया गया। प्रस्ताव पारित कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रूस से यूक्रेन से हटने की ‘मांग‘ की।
141 देशों ने इस वोटिंग के दौरान रूस के खिलाफ मतदान किया, जबकि 5 देशों ने रूस का साथ दिया। वहीं भारत समेत 35 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। यूएन महासभा में रूस के खिलाफ 141 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया है इनमें भारत के पड़ोसी देश नेपाल, अफ़ग़ानिस्तान, भूटान शामिल हैं। 35 में 5 देश वो हैं जिन्होंने वोटिंग से दूरी बनाई है इनमें भारत के अलावा उसके पड़ोसी चीन, बांग्लादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव के विरोध में 4 देशों– बेलारूस, उत्तर कोरिया, एरिट्रिया, और सीरिया ने रूस के पक्ष में वोट किया है।
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“रूस–यूक्रेन युद्ध पर भारत ने अब तक न्यूट्रल रुख अपनाया है। भारत की तरफ से पहले ही साफ किया गया है कि हमारी प्राथमिकता यूक्रेन में फंसे भारतीय लोगों और छात्रों को निकालना है। संयुक्त राष्ट्र में अपने रुख को लेकर भारत ने एक बार फिर अपना रुख साफ किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत युद्धविराम का समर्थन करता है। इसके साथ–साथ उन्होंने बॉर्डर पार करने देने के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों का शुक्रिया भी कहा।
UN में भारत ने कहा कि मतभेदों को सिर्फ बातचीत और कूटनीति से ही खत्म किया जा सकता है। वहीं रूसी राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन संकट पर भारत के निष्पक्ष और संतुलित रुख की सराहना करते हुए भारत को धन्यवाद दिया है।रूसी राजदूत ने कहा है कि ‘हम भारत के रणनीतिक सहयोगी हैं। संयुक्त राष्ट्र में संतुलित रुख के लिए हम भारत के बहुत आभारी हैं। हमें उम्मीद है कि भारत अपना ये रुख आगे भी जारी रखेगा‘। रूसी राजदूत ने भारत को ये भी आश्वासन दिया है कि रूस से भारत की रक्षा खरीद S-400 मिसाइल सिस्टम पर हालिया तनाव का कोई असर नहीं होगा।