प्रदीप कुमार की रिपोर्ट – यूक्रेन में भारतीय छात्रों को बंधक बनाने की रिपोर्ट पर विदेश मंत्रालय का अहम बयान सामने आया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यूक्रेन में भारतीय छात्रों को बंधक बनाये जाने की खबरों को लेकर मीडिया के सवालों पर ये बयान दिया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा है कि, ‘‘यूक्रेन में भारतीय दूतावास अपने नागरिकों से सतत सम्पर्क बनाये हुए है। हम इस बात का संज्ञान लेते हैं कि यूक्रेन प्रशासन के सहयोग से कल कई छात्र खारकीव से बाहर निकल सके है।’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि‘‘ हमें किसी भारतीय छात्र को बंधक बनाने जैसी स्थिति का सामना करने की कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।’’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा है कि हमने यूक्रेन प्रशासन से आग्रह किया है कि खारकीव और आसपास के क्षेत्रों से छात्रों को बाहर निकालकर देश के पश्चिमी हिस्से में ले जाने के लिये विशेष ट्रेन की व्यवस्था की जाए।
इससे पहले रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया था कि यूक्रेन भारतीय छात्रों को बंधक बनाकर मानव ढाल के तौर पर रूसी टैंकों के सामने इस्तेमाल कर रहा है।रूस ने आरोप लगाया था कि यूक्रेन में भारतीय छात्रों के एक समूह को उनकी बेलगोरोद जाने की इच्छा के विपरीत खारकीव में जबरदस्ती रोक कर रखा गया हैं। हालांकि अमेरिका ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रूस के ये आरोप प्रोपेगेंडा वॉर से जुड़े हुए हैं।
Read Also यूक्रेन में फंसे छात्र लगा रहे भारत सरकार से मदद की गुहार
यूक्रेन ने भी रूस के आरोपों पर कहा कि यूक्रेन वहां फंसे हुए विदेशी छात्रों की लगातार मदद कर रहा है।
फिलहाल विदेश मंत्रालय का मुख्य फोकस यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित निकाल लाने का है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम इस क्षेत्र में रूस, रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया, माल्डोवा सहित अन्य देशों से प्रभावी ढंग से समन्वय कर रहे हैं।विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों में बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से बाहर निकाल लिया गया है। “
यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए जारी अभियान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की और यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित निकासी पर चर्चा की।