हरियाणा विधानसभा में राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बजट पेश किया। अपने संबोधन में सीएम खट्टर ने सबसे पहले सभी को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं।
संबोधन में सीएम खट्टर ने कोविड-19 बाद अर्थव्यवस्था को गति देने वाला बजट बताया और कहा कि यह बजट आने वाले 25 सालों में विकास की दिशा निश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने पोस्ट कोविड अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए Counter- Cyclical Fiscal उपाय किये हैं। देश की अर्थव्यवस्था में हरियाणा का योगदान 3.4 प्रतिशत है और इसे 4 फीसदी करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में बड़ा योगदान करेंगे। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए तीन प्रमुख उद्देश्य– अंत्योदय की भावना से सबसे गरीब व्यक्ति का कल्याण, प्रभावी आय पुनःवितरण नीतियों के साथ उत्पादकता में वृद्धि और रोजगार व उद्यमिता सृजन पर फोकस रहेगा।
सीएम खट्टर ने कहा कि साल 2022-23 के लिए 1,77,255.99 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव है जो 2021-22 के 1,53,384.40 करोड़ रुपये से 15.6 प्रतिशत अधिक है। GSDP 2014 के 370535 करोड़ के मुकाबले 2021-22 में 588771 करोड़ हुआ, जो 15.6 फीसदी अधिक है। इस बजट परिव्यय में 61,057.35 करोड़ रुपये का और 1,16,198.63 करोड़ रुपये का Revenue Expenditure शामिल हैं जोकि क्रमशः 34.4 प्रतिशत और 65.6 प्रतिशत है। बजट अनुमान 2022-3 में कुल राजस्व प्राप्तियां 106424.70 करोड़ प्रक्षेपित जिनमें 73727.50 का कर राजस्व 12205.36 करोड़ का गैर कर राजस्व 8925.98 करोड़ रुपये केंद्रीय करों का हिस्सा 11565.86 करोड़ सहायता अनुदान और 5393.89 करोड़ पूंजीगत प्राप्तियां हैं।
इस वर्ष के बजट आवंटन को सतत विकास लक्ष्यों अर्थात Sustainable Development Goal के साथ भी जोड़ा जाएगा। 1,77,255.98 करोड़ रुपये के कुल बजट में से सतत विकास लक्ष्य से संबंधित योजनाओं के लिए 1,14,444.77 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। सीएम ने कहा कि अपने राजकोषीय घाटे को वर्ष 2021-22 के लिए पंद्रहवें केंद्रीय वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित सीमा GSDP के 4 प्रतिशत के भीतर रखने में सफल रहे। कोविड-19 महामारी के संकट के बावजूद बाजार से लगभग 30,820 करोड़ रुपये की ही उधारी ली जबकि पंद्रहवें वित्त आयोग से हमें 40,872 करोड़ रुपये की उधारी की अनुमति थी। राजकोषीय घाटा वर्ष 2021-22 में GSDP का 2.99 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
साल 2022-23 के बजट में 15.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। वर्ष 2022-23 में मुख्यमंत्री ने 1,77,255.99 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव पेश किया। बजट अनुमान 2020-21 के दौरान GSDP के प्रतिशत के रूप में राजस्व घाटा 2.10 प्रतिशत अनुमानित रहा जबकि संशोधित अनुमान 2021-22 में ये 1.40 प्रतिशत अनुमानित है। बजट अनुमान 2022-23 में ये जी.एस.डी.पी. के 0.98 प्रतिशत तक और कम होने का अनुमान है। संशोधित अनुमान 2021-22 में ऋण और जीएसडीपी का अनुपात 24.98 फीसदी, जबकि 15 वित्त आयोग द्वारा निर्धारित सीमा का 32.61 फ़ीसदी है। बजट अनुमान 2022-23 के लिए यह जीएसडीपी का 24.51 फीसदी, जबकि 15 वे वित्त आयोग ने इसकी सीमा जीएसडीपी के 33.33 फीसदी तय की।
सीएम खट्टर ने कहा कि राजकोषीय अपव्यय से बचने के लिए 3 समर्पित कोष स्थापित होंगे। स्टार्ट–अप की सहायता के लिए ‘उद्यम पूंजी कोष‘ बनेगा। हरित विकास उद्देश्यों के लिए ‘जलवायु एवं सतत
विकास कोष‘ बनेगा और वैज्ञानिक गतिविधि और छात्रवृत्ति को बढ़ावा देने के लिए‘अनुसंधान एवं नवाचार कोष‘ बनेगा।
सरकारी संस्थाओं को पोर्टफोलियो प्रबंधन और कम लागत वाली कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं के लिए एक गैर–बैंकिंग वित्त कंपनी के रूप में हरियाणा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड‘ की स्थापना की। ये बजट में, आर्थिक विकास और मानव विकास को बढ़ाने, ईज ऑफ लीविंग, गरीबों व वंचित समूहों के उत्थान और नई प्रौद्योगिकी को अपनाकर उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही रोजगार व उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के लिए ‘वज्र मॉडल‘ प्रस्तुत करता है। इसमें 5 विकासात्मक शक्तियों की परिकल्पना की गई हैं जो अंत्योदय–गरीब से गरीब व्यक्ति का उत्थान, समर्थ हरियाणा–सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर, संरचनात्मक और संस्थागत सुधार, सतत विकास–सस्टेनेबल डेवेलपमेंट और संतुलित पर्यावरण–पर्यावरणीय स्थिरता हैं।
कामकाजी महिलाओं के लिए फरीदाबाद, गुरुग्राम और पंचकूला में नये आवास बनेंगे और जिला भिवानी के कुडल व छापर और जिला सोनीपत के गन्नौर में 3 नए सरकारी महिला कॉलेज बनाए जाएंगे।
उन स्वयं सहायता समूह के ऋण की सम्पूर्ण ब्याज राशि सरकार वहन करेगी, जिनके आधे से अधिक सदस्यों के परिवारों की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम है।
प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 100 खण्डों में ‘उत्पादन आधारित प्रोत्साहन कार्यक्रम‘ को शुरू किया जाएगा। मोटे अनाज पर अनुसंधान के लिए और उत्पादक में सुधार के लिए भिवानी में क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र की स्थापना होगी। जलसंरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कपास उत्पादक सिरसा –फतेहाबाद में सूक्षम सिंचाई को प्रोत्साहन मिलेगा।
HSAMB को नई ग्रामीण सड़कों के लिए 200 करोड़ रुपये दिये जाएंगे। गर्मी सीजन की मक्का की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ‘फसल समूह विकास कार्यक्रम‘ के तहत 100 पैक हाउस की
स्थापना होगी। ‘फसल विविधिकरण कार्यक्रम‘ के तहत 20,000 एकड़ में फसल विविधिकरण का लक्ष्य
किसानों को किराए पर मशीन देने के लिए 5 मशीन बैंक केंद्र की स्थापना होगी। किसानों के मार्गदर्शन के लिए ‘प्रगतिशील किसान कृषि दर्शन‘ कार्यक्रम को शुरू किया जाएगा।
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पशुपालन व डेयरी क्षेत्र में स्वरोजगार के लिए 1 लाख अंत्योदय परिवारों की आर्थिक मदद का लक्ष्य, ETT से पैदा होने वाले बछड़ों पर 10 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। अंत्योदय परिवार जिनके पास पशु रखने के लिए भूमि नहीं उनको ग्राम पंचायत की भूमि पर सांझा शैड की सुविधा मिलेगी। मत्स्य पालकों को भी ‘किसान क्रेडिट कार्ड‘ की सुविधा मिलेगी।
प्रदेश की चीनी मिलों में ‘गुड़ इकाइयां‘ स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। ‘एकमुश्त निपटान योजना‘ के तहत 30 नवम्बर, 2022 तक फसली ऋण या अन्य लघु या मध्यम अवधि के ऋणों की मूल राशि का भुगतान करने पर किसानों की दण्डात्मक ब्याज सहित ब्याज की पूरी राशि माफ होगी। प्रदूषण कम करने के लिए हर जिले में हॉट स्पॉट को ग्रीन स्पॉट में बदलने का लक्ष्य रखा गया है और प्रमुख पर्यावरणविद श्री दर्शन लाल जैन के नाम पर 3 लाख रुपये तक का पुरस्कार मिलेगा। प्रदेश में 100 ‘वायु गुणवत्ता निगरानी केन्द्र‘ बनेंगे।
ईको–टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए ‘ईको–टूरिज्म नीति‘ बनेगी। वृक्ष की गिनती के लिए वृक्ष गणना और जिओ टैगिंग का उपयोग होगा। कालका से क्लेसर तक 150 कि.मी. लम्बी ‘नेचर ट्रेल‘ की स्थापना और 10 नई हाईटैक नर्सरियां विकसित करेंगे। नूंह में नये बहु–विषयक राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना होगी। बेटियों को सुरक्षित व सुलभ परिवहन सुविधा के लिए ‘साथी‘ योजना मिलेगी। ‘स्कूल हैल्थ कार्ड कार्यक्रम‘ के तहत 25 लाख छात्रों के स्वास्थ्य की जांच होगी। अगले तीन वर्षों में 362 नये संस्कृति मॉडल स्कूल बनेंगे। कौशल को बढ़ावा देने के लिए एस.टी.ई.एम. लैब की स्थापना होगी। 8वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए विषयवार ओलंपियाड व पुरस्कार दिये जाएंगे। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 10वीं-12वीं तक के सभी विद्यार्थियों को मुफ्त टैबलेट मिलेंगे। सरकारी और निजी स्कूल को जोड़ने के लिए ट्विनिंग प्रोग्राम शुरू होंगे। शैक्षणिक संस्थान नेतृत्व विकास कार्यक्रम के तहत शिक्षकों को हैडमास्टर, हैडटीचर और प्राचार्य का प्रशिक्षण होगा। प्राचीन भाषा हस्तलिपी सीखने और शोध के लिए अनुदान और आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ अमर्जिंग टैक्नोलॉजी मानेसर में बनेगा।