(प्रदीप कुमार ): केंद्र सरकार ने तुअर, उड़द और मसूर की खरीद की सीमा बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। साथ ही राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कल्याणकारी योजनाओं के लिए चना दाल को डिस्काउंटेड रेट पर बेचा जाएगा। इसका इस्तेमाल मिड डे मील और पीडीएस जैसी कल्याणकारी योजनाओं के लिए कर सकते हैं। प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) और प्राइस स्टैबिलाइजेशन फंड (PSF) के तहत खरीदी गई दाल के स्टॉक से राज्यों को दाल दी जाएगी। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि कैबिनेट ने पीएसएस के तहत तुअर, उड़द और मसूर की खरीद की सीमा 25 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी करने का फैसला किया है। इस स्कीम के तहत राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इश्यू प्राइस पर आठ रुपये प्रति किलो की छूट पर 15 लाख मीट्रिक टन चना दाल खरीदने की अनुमति दी जा रही है। यह बिक्री पहले आओ पहले पाओ आधार पर की जाएगी। राज्य इसका इस्तेमाल विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए कर सकते हैं। इसमें मिड डे मील, पीडीएस, आईसीडीपी आदि योजनाएं शामिल हैं।
राज्यों को यह छूट एक साल या 15 लाख टन चना दाल की बिक्री पूरी होने तक दी जा रही है। केंद्र सरकार इस योजना पर 1200 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इससे गोदामों में आने वाली फसल के लिए जगह बनेगी और किसानों से पीएसएस योजना के तहत चने की खरीद की जा सकेगी। इससे किसान भी दलहन उगाने के लिए प्रोत्साहित होंगे और देश दाल उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेगा। सरकार ने 2022-23 के दौरान चने के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी बढ़ोतरी की है। इससे पीएसएस के तहत ज्यादा खरीद की उम्मीद की जा रही है।
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपने एक और महत्त्वपूर्ण फैसले में नेपाल सरकार के साथ जैव विविधता संरक्षण पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जाने से सम्बन्धित पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच गलियारों और आपस में जुड़े क्षेत्रों को फिर से शुरू करना तथा ज्ञान एवं सर्वोत्तम तौर-तरीकों को साझा करने सहित वन, वन्यजीव, पर्यावरण, जैव विविधता संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग व समन्वय को बढ़ाना एवं मजबूत करना है।