प्रदीप कुमार की रिपोर्ट – राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को रविवार दोपहर तक कांग्रेस के अगले अध्यक्ष के तौर पर देखा जा रहा था, लेकिन अब कहानी बदल गई लगती है। कांग्रेस के करीब 82 विधायकों ने राजस्थान में अशोक गहलोत के समर्थन में स्पीकर को इस्तीफा दिया है। सचिन पायलट को सीएम बनने से रोकने की उनकी कोशिश सड़क पर आ गई। यही नहीं पर्यवेक्षकों के साथ मीटिंग भी विधायकों की नहीं हो सकी और अजय माकन एवं मल्लिकार्जुन खड़गे बैरंग की दिल्ली लौट गए
अजय माकन ने दिल्ली लौटने से पहले पूरी स्थिति बयान की और माना कि जो हुआ, वह अनुशासनहीनता थी। माकन ने कहा कि जब विधायक दल की मीटिंग बुलाई गई थी तो उसके समानांतर किसी मंत्री के घर बैठक बुलाना गलत था। राजस्थान प्रभारी अजय माकन के इस बयान के बाद से ही कयास लग रहे हैं कि क्या अशोक गहलोत समर्थक विधायको के शक्ति प्रदर्शन को हाईकमान ने भरोसे को तोड़ने वाली हरकत के तौर पर लिया है? फिलहाल अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोनिया गांधी से मिलकर पूरे मामले की जानकारी दे दी है
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दरअसल गहलोत समर्थक विधायको का अलग से मीटिंग बुलाना पार्टी लीडरशिप को खला है। अब अशोक गहलोत को अध्यक्ष पद के चुनाव से हटाने की भी बात हो रही है। इस बीच कमलनाथ को भी दिल्ली बुलाया गया हैं। इससे यह भी कयास लग रहे हैं कि क्या कमलनाथ को ही यह पद मिलेगा।
राजस्थान के घटनाक्रम ने कांग्रेस आलाकमान की मुश्किलें बढ़ा दी है।चर्चाये है कि सचिन पायलट के नाम पर गहलोत पहले से ही राजी नहीं थे। गहलोत को अक्सर यह लगता है कि सचिन पायलट बीजेपी के साथ मिलकर राजस्थान की सरकार गिराना चाहते थे। ऐसे में गहलोत की जगह कोई ऐसा नेता प्रदेश की कमान न संभाले जिसने सरकार गिराने की कोशिश की हो।
गहलोत समर्थन विधायकों के बागी सुर से पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी खासा नाराज हैं और गहलोत को गांधी परिवार का वफादार माना जाता है। ऐसे में यह भी संभावना है कि गहलोत को अध्यक्ष पद की रेस से बाहर कर दिया जाए।