हिजाब विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जजों की राय एक नहीं है। जास्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने मामले को मुख्य न्यायधीश की पीठ के पास भेजा। मुख्य न्यायाधीश तय करेंगे कि मामले में आगे क्या करना है। इस कड़ी में सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की पीठ ने अलग अलग फैसला पढ़ा। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा हमने 11 सवाल तय किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के मूल अधिकारों को लेकर सवाल तय किया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को बड़ी पीठ के पास भेज दिया हैं। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने याचिका को खरिज किया। जस्टिस सुधांशु धुलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई। जस्टिस सुधांशु धुलिया ने कहा कि उनकी मामले में अलग राय है। हाई कोर्ट को धार्मिक अनिर्वायता पर नही जाना चाहिए था।
वहीं याचिकाकर्ता पक्ष के वकील आफताब अली खान ने हिजाब मामले पर बताया कि आज का फैसला एक खंडित फैसला है। जिसे देखते हुए बेंच ने इसे बड़ी बेंच को रेफर कर दिया है। वकील वरूण सिन्हा ने कहा कि अभी हाई कोर्ट का फैसला लागू रहेगा क्योंकि एक जज ने याचिका को खारिज किया है और दूसरे ने उसे खारिज नहीं किया है। अब हाई कोर्ट का फैसला तब तक जारी रहेगा जब तक किसी बड़े बेंच का फैसला नहीं आ जाता है।
बता दें साथ ही हिजाब मामले पर कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश बयान दिया है। शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा है कि हम सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं। हमने बेहतर फैसले की उम्मीद की थी क्योंकि दुनिया भर की महिलाएं हिजाब और बुर्का नहीं पहनने की मांग कर रही हैं। कर्नाटक उच्च न्यायालय का आदेश अंतरिम समय में लागू रहेगा।
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हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने हिजाब को लेकर बड़ा बयान दिया उन्होंने कहा कि जिन पुरुषों का महिलाओ को देखकर मन मचलता था उन्होंने ही महिलाओं को हिजाब डालने के लिए मजबूर किया । आवश्यकता तो अपने मन को मजबूत करने की थी परंतु सजा महिलाओं को दी गई ! उनको सिर से लेकर पांव तक ढक दिया। यह सरासर नाइंसाफी है । पुरुष अपना मन मजबूत करे और महिलाओ को हिजाब से मुक्ति दें।