(दिनेश कुमार): पलवल में पूर्वांचल मूल निवासीयों ने अगवानपुर गांव के पास छठघाट पर बड़ी धूमधाम के साथ छठ मैया का पूजन और आराधना कर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालु व्रतधारी भक्तजन अस्थायी तालाब में घण्टों खड़े रहकर भगवान सूर्य की उपासना आराधना करते दिखाई दिए। कार्यक्रम का शुभारंभ पलवल विधायक दीपक मंगला ने किया।
छट पर्व पर व्रतधारी और उनके परिजनों ने तालाब में खड़े होकर तरह तरह के फल व कंद तथा गन्ना इत्यादि वस्तुएं भगवान सूर्य को मानसिक रूप से समर्पित करते लोगों का मनोहारी दृश्य मन को लुभा रहा था वहीं रंग बिरंगे परिधानों में सजे धजे लोग सभी के आकर्षण का केंद्र रहे। भारतीय हिंदू संस्कृति में पूर्वांचल वासियों के लिए छठ का पर्व विशेष महत्व रखता है छठ पर्व 4 दिन तक चलता है जिसमें पहले नहाए खाए फिर करना और तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात चौथे शुभ है उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है। छठ पर्व के अवसर पर किया जाने बहुत कठिन होता है जिसमें 36 घंटे तक कुछ खाना तो बहुत दूर की बात पानी तक भी नहीं पिया जाता। छठ पर मैं व्रत धारी शुद्धता और सुचिता का बहुत विशेष ध्यान रखते हैं। माना जाता है कि जितनी शुद्धता और पवित्रता के साथ वृत्त किया जाएगा छठी मैया परिवार में उतने ही खुले दिल से सुख संपत्ति और संतति प्रदान करेगी।
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आयोजन में पहुंचे पलवल की विधायक दीपक मंगला ने सभी को छठ पर्व की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि पलवल में अगवानपुर गांव के पास प्रदेश सरकार की तरफ से पूर्वांचल वासियों के लिए छठ पर्व के अवसर पर पूजा के लिए छठ घाट बनाया हुआ है जहां पर पिछले कई वर्षों से लगातार यह पर्व मनाया जा रहा है।