(प्रदीप कुमार): केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ एक पूर्व-बजट बैठक की अध्यक्षता की। बैठक का उद्देश्य वर्ष 2023-24 के आगामी बजट के लिए इनपुट और सुझाव लेना था। केंद्रीय वित्त मंत्री ने आज दिल्ली में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व विचार-विमर्श किया। बैठक में केंद्रीय राज्य मंत्रियों (वित्त), मुख्यमंत्रियों, उपमुख्यमंत्रियों, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल, वित्त मंत्रियों, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव ने बैठक में सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और आगामी बजट के लिए इस विशेष परामर्श के महत्व की जानकारी दी। अधिकांश प्रतिभागियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री को अपने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय रूप से समर्थन देने के लिए उधार लेने की सीमा बढ़ाकर, दो किस्तों को प्रदान करने और पूंजीगत व्यय के लिए विशेष सहायता के माध्यम से धन्यवाद दिया। प्रतिभागियों ने बजट भाषण में शामिल करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री को कई सुझाव भी दिए। केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट 2023-24 के लिए प्रतिभागियों को उनके इनपुट और सुझावों के लिए धन्यवाद दिया और प्रत्येक प्रस्ताव की जांच करने का आश्वासन दिया।
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बैंठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राज्य-केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के अलावा केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी व भागवत कराड, केंद्रीय वित्त मंत्रालय के विभिन्न अंगों के सचिव, मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन व अन्य मौजूद रहे। अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए वार्षिक बजट तैयार करने की औपचारिक कवायद बीते 10 अक्टूबर से शुरू हुई है। 2023-24 का बजट एक फरवरी को पेश किए जाने की संभावना है। यह आगामी लोकसभा चुनाव से पहले मोदी 2.0 सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा।
इनसे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अब तक कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विशेषज्ञों सहित कई जानकारों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व परामर्श बैठक कर चुकी हैं।