(पंकज गैरोला): उत्तराखंड के रामनगर में आज से जी-20 देशों की बैठक शुरू हो गई है। उत्तराखंड में जी-20 की यह पहली बैठक आयोजित हो रही है। इस बैठक के लिए 17 देशों के 38 डेलीगेट्स उत्तराखंड पहुंचे हैं। जिनका यहां पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया और उन्हें इस मौके पर उत्तराखंड की संस्कृति को देखने का मौका भी मिला। उत्तराखंड के कॉर्बेट रिजर्व क्षेत्र रामनगर में आज से 30 मार्च तक जी-20 देशों की चीफ साइंस एडवाइजर राउंड टेबल बैठक शुरू हो गई है।
इस बैठक के लिए इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए विदेशी मेहमान आज दोपहर उत्तराखंड में सबसे पहले पंतनगर एयरपोर्ट पहुंचे। पंतनगर एयरपोर्ट पहुंचने पर उनका कुमाऊं की परंपरा के अनुसार स्वागत किया गया। छोलिया नृत्य और वाद्य यंत्रों के साथ उत्तराखंड टोपी पहनाकर उनका स्वागत किया, साथ ही महिलाओं का पिछोड़ी भेंट कर स्वागत किया गया। एयरपोर्ट से सभी मेहमानों को रुद्रपुर एक होटल में ले जाया गया। यहां उन्हें दोपहर का भोजन कराया गया। भोजन में भी उन्हें उत्तराखंड के व्यंजन परोसे गये। साथ ही उनके मनोरंजन के लिए यहां भी छोलिया नृत्य प्रस्तुत किया गया।
उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगीत बेडू पाको बारामासा की धुन पर विदेशी मेहमान भी थिरकने को मजबूर हो गये। उसके बाद रुद्रपुर से सभी विदेशी मेहमान रामनगर के लिए रवाना हुए। इस बैठक के आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद दिया और कहा कि इस बैठक से उत्तराखंड की पहचान विदेशों तक पहुंचेगी।
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रामनगर पहुंचने पर सभी विदेशी मेहमानों का भव्य तरीके से स्वागत हुआ। रामनगर में लखनपुर चुंगी पर सैकड़ों महिलाओं और पुरुषों ने मानव श्रृंखला बनाकर सभी डेलिगेट्स का स्वागत किया। वाहनों में सवार डेलिगेट्स ने रामनगर की जनता का हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया। इसके बाद सभी डेलिगेट्स को कड़ी सुरक्षा के साथ रामनगर के ढिकुली गांव के ताज रिजॉर्ट ले जाया गया। यहां भी कुमाऊंनी परंपरा से उनका स्वागत किया गया। इन डेलिगेट्स का स्वागत करने के लिए और स्थानीय लोगों का उत्साह बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी यहां पहुंचे। उत्तराखंड देवभूमि है और यहां मेहमानों की खातिरदारी में कोई कमी नहीं छोड़ी जाती है। ऐसे में विदेशी मेहमानों के स्वागत की खुशी यहां के स्थानीय लोगों के चेहरे पर साफ झलक रही थी।
रामनगर के अलावा उत्तराखंड के ऋषिकेश में जी-20 की दो और बैठक आयोजित होनी है। ये बैठक मई और जून माह में आयोजित होंगी। एक छोटे प्रदेश उत्तराखंड को जी-20 की तीन बैठकों की मेजबानी मिलना अपने आप में ही महत्वपूर्ण है और इस बैठक से कहीं न कहीं उत्तराखंड को विदेशों में अपनी संस्कृति और सभ्यता दिखाने का मौका भी मिलेगा।