(आकाश शर्मा) -CM Arvind Kejriwal- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने माकपा के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी उनके दफ्तर पर मुलाकात कर चुके हैं। केजरीवाल के साथ आप नेता राघव चड्ढा,आतिशी, संजय सिंह मौजूद रहे हैं। दिल्ली में केंद्र के अध्यादेश की खिलाफत की मांग कर रहे हैं।
केजरीवाल ने येचुरी से अपनी मुलाकात के दौरान दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ उनका समर्थन मांगा है। केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन पाने के लिए केजरीवाल इस समय विपक्षी नेताओं से संपर्क साध रहे हैं।CM Arvind Kejriwal
कई विपक्षी दल कर चुके हैं केजरीवाल की मांग का समर्थन
इस मुद्दे पर केजरीवाल ने सभी विपक्षी नेताओं से आग्रह करते हुए उनका अध्यादेश के विरोध में समर्थन मांगा था।तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को समर्थन किया है। केजरीवाल ने इन नेताओं से पिछले सप्ताह मुलाकात की थी।
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कांग्रेस का अध्यादेश पर अभी रूख साफ नहीं हैं!!
दिल्ली में कांग्रेस के मुख्यालय पर कई दौर की बैठक हो चुकी है। लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं ले पाई हैं । इसलिए अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आज केंद्र दिल्ली सरकार के खिलाफ अध्यादेश लाई हैं लेकिन अगर कल केंद्र सरकार राजस्थान पर कोई गलत फैसले लाएगी तो हम उसका डटकर विरोध करती।
क्या है NCCSA अध्यादेश, जानिए पूरा मामला!
अध्यादेश की बात करें तो इसमें कहा गया है कि दिल्ली भारत की राजधानी है, जो सीधे राष्ट्रपति के अधीन है। ऐसे में अधिकारियों के फेरबदल का अधिकार राष्ट्रपति के अधीन रहेगा। इस अध्यादेश के अनुसार, राजधानी में अब अधिकारियों का तबादला और नियुक्ति नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी (एनसीसीएसए) के माध्यम से होगी।इस अध्यादेश में कहा गया है कि इस एनसीसीएसए के अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री होंगे, मगर मुख्य सचिव व गृह सचिव इसके सदस्य होंगे। मुख्य सचिव व गृह सचिव की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी। आखिरी फैसला दिल्ली के एलजी का मान्य होगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की संविधानपीठ ने अधिकारियों का तबादला और नियुक्ति पर फैसला दिल्ली राज्य सरकार के पक्ष में सुनाया था।CM Arvind Kejriwal