(दिवाँशी)- GLOBAL WARMING UPDATE-दुनिया के 50 शीर्ष वैज्ञानिकों ने बढ़ते तापमान को लेकर एक अध्ययन किया। जिसके बाद बढ़ते तापमान से जलवायु पर पडने वाले असर को लेकर चेतावनी दी। जिसका कारण ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को बताया जा रहा है।
क्या कहता है नया अध्ययन
इस अध्ययन के मुताबिक, 2013 से 2022 तक तापमान में हर दशक 0.2 डिग्री सेल्सियस से अधिक की दर से वृद्धि हुई। इससे दुनिया भर की मौसम संबंधी चक्रीय प्रणाली बुरी तरह प्रभावित होगी, जो कि धरती के लिए एक खतरनाक संकेत है। ये आगे चलकर मानव जाति, वनस्पति और जीव जंतुओं के परेशानी का कारण बन सकती है।
अध्ययन के अनुसार, इसी अवधि में कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन स्तर अन्य गैसों के मुकाबले अपने सबसे उच्च स्तर पर पहुँच गया है, जिसका वार्षिक उत्सर्जन 54 अरब टन तक पहुँच गया है। यह प्रति सेकंड लगभग 1700 टन के बराबर है।
आंकड़ों से पता चलता है कि हिमालय में अन्य पर्वतीय क्षेत्रों की तुलना में अधिक बारिश के आसार है।
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उच्च उत्सर्जन परिदृश्य के तहत एक चौथाई हिस्सा नष्ट हो सकता है। रिपोर्ट में एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा गया कि औसत बर्फबारी में 1971 से 2000 की तुलना में 2070 से 2100 के बीच सिंधु बेसिन में बर्फबारी 30 से 50 फीसदी, गंगा में 50 से 60 फीसदी की गिरावट आएगी।
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