(आकाश शर्मा)- No-confidence motion of the opposition to the central government –देश की संसद में आज देश की केंद्र सरकार को विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर पड़ सकता है। सरकार को संसद को चलाना मुश्किल हो रहा है, विपक्ष लगातार मणिपुर हिंसा को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है। पीएम मोदी को संसद में बोलने को कह रहा है। इसी सिलसे में विपक्ष की पार्टियां मिलकर वर्तमान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारियां कर रहा है।
अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर कम से कम 50 सांसदों के हस्ताक्षर होने चाहिए। दरअसल कोई सांसद सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है।

क्या होता है अविश्वास प्रस्ताव?
जब लोकसभा में विपक्षी को यह लगता है कि वर्तमान सरकार अल्पमत में है या फिर सरकार सदन का विश्वास खो चुकी है, तो ऐसी स्थिति में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है। इसे अंग्रेजी में नो कॉन्फिडेंस मोशन कहते हैं। संविधान में आर्टिकल-75 में इसका उल्लेख किया गया है। आर्टिकल-75 के अनुसार, केंद्रीय मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति जवाबदेह है। ऐसे में अगर सदन में बहुमत नहीं है, तो प्रधानमंत्री समेत पूरे मंत्रिपरिषद को इस्तीफा देना होता है।
विपक्षी दल मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान चाहते है। मणिपुर को लेकर सरकार और विपक्षी दलों में गतिरोध जारी है। विपक्ष लगातार पीएम मोदी से बयान संसद में देने को कह रहा है। लेकिन सत्ता पक्ष चर्चा को तैयार है लेकिन पीएम के बयान पर नहीं।

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कांग्रेस ने अपने सांसदों को मौजूद रहने का व्हिप जारी किया है। आज का दिन संसद के लिए काफी खास रहेगा। साथ ही अगर संसद में अविश्वास प्रस्ताव आया तो पीएम मोदी को अपना संबोधन देना होगा। यहीं विपक्ष चाहता भी है।
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