(अवैस उस्मानी)-चर्चित एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में राउज़ एवेन्यु कोर्ट ने 26 जुलाई को बड़ा फैसला सुनाया, कोर्ट ने मामले में मुख्य आरोपी हरियाणा के पूर्व गृहराज्य मंत्री गोपाल कांडा को बरी कर दिया, गीतिका शर्मा की आत्महत्या के 11 साल बाद कोर्ट का फैसला आया, राउज़ एवेन्यु कोर्ट ने फैसले में कहा गीतिका शर्मा के सुसाइड नोट के आधार पर गोपाल कांडा को दोषी साबित नहीं किया जा सकता है, गोपाल कांडा की एयरलाइंस में एयर होस्टेस रहीं गीतिका शर्मा ने 5 अगस्त 2012 को अपने अशोक विहार स्थित घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, गीतिका ने सुसाइड नोट में इस कदम के लिए कांडा और उनकी MDLR कंपनी में सीनियर मैनेजर रहीं अरुणा चड्ढा को जिम्मेदार ठहराया था। एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में 11 साल बाद आरोपी गोपाल कांडा को कोर्ट से बड़ी राहत मिली, राऊज एवेन्यु कोर्ट के स्पेशल जज विकास ढुल ने गोपाल कांडा को बरी कर दिया। कोर्ट ने मामले में ज़ह आरोपी अरुणा चड्ढा को भी बरी कर दिया। कोर्ट ने फैसले में कहा कि गीतिका शर्मा के सुसाइड नोट के आधार पर गोपाल कांडा को दोषी साबित नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुसाइड नोट में गीतिका ने अपने नज़रिए से गोपाल कांडा को खराब इंसान ज़रूर बताया लेकिन कोई ऐसी घटना का जिक्र नहीं किया जिससे लगे कि उसके साथ कोई धोखा हुआ या आरोपियों ने उसके साथ विश्वासघात किया।
गोपाल कांडा के वकील RS मालिक
एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले गोपाल कांडा को बरी करते हुए राउज़ एवेन्यु कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि गीतिका शर्मा की मौत से 7 -8 महीने पहले तक गीतिका शर्मा और गोपाल कांडा के बीच टेलीफोन पर कोई बातचीत नहीं हुई थी। कोर्ट ने कहा कि गीतिका शर्मा और इस केस में सह आरोपी अरुणा चड्डा के बीच भी एक महीने से भी बातचीत नहीं हुई थी। कोर्ट ने कहा कि गीतिका और गोपाल कांडा के बीच दोस्ताना सम्बंध थे, दोनों एक साथ कई जगह घूमने जाया करते थे। कोर्ट ने कहा कि गोपाल कांडा ने भी गीतिका को फायदा पहुंचाया। इसलिए पुलिस का यह कहना कि आरोपियों ने ऐसे हालात बनाये कि गीतिका के आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं था, सही नहीं है।
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गोपाल कांडा
गोपाल कांडा ने 2008 में गुड़गांव से MDLR एयरलाइंस की शूरुआत किया था। गोपाल कांडा ने अपने पिता के नाम मुरलीधर लेखा राम (MDLR) के नाम पर रखा था। गोपाल कांडा की एयरलाइंस 2009 में बंद हो गई थी। गोपाल कांडा ने गीतिका शर्मा को पहले इंटरव्यू के बाद ट्रेनी कैबिन क्रू की पोस्ट पर नौकरी दिया था फिर 6 महीने बाद जब गीतिका 18 साल की हुई तो उसको एयरहोस्टेस बना दिया था। इसके बाद तीन साल के अंदर गीतिका कंपनी की डायरेक्ट की कुर्सी तक पहुंच गई थी। गीतिका शर्मा ने अपनी 2 पेज के सुसाइड नोट में गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा का नाम लिखा था। गीतिका के सुसाइड के करीब 6 महीने बाद गातिका की मां ने भी आत्महत्या कर ली थी। गीतिका की मां ने भी अपनी मौत के लिए गोपाल कांडा को जिम्मेदार ठहराया था। गोपाल कांडा गीतिका शर्मा आत्महत्या केस में करीब 18 महीने की सजा काट चुके हैं।