हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और उसके बाद भूस्खलन से हुई तबाही के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। प्रशासन के मुताबिक पिछले सप्ताह हिमाचल प्रदेश में बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या शनिवार को एक ढहे हुए मंदिर के मलबे से एक और शव की बरामदगी के साथ 78 तक पहुंच गई है। इस बीच स्थानीय मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है।
ऑरेंज अलर्ट बहुत खराब मौसम का संकेत देती है, जिसमें सड़क और नालियों के बंद होने और बिजली आपूर्ति में रुकावट के साथ आवागमन में बाधा होने की चेतावनी दी जाती है।
शिमला के अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने शनिवार को बताया कि कुल 78 मौत में से 24 मौत अकेले शिमला में हुई हैं। इनमें से 17 लोग समर हिल के शिव मंदिर में, पांच फगली में और दो कृष्णानगर में हादसे का शिकार हो गए।
एसपी ने कहा कि भूस्खलन के मलबे से शवों को निकालने के लिए सेना, राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, पुलिस और होम गार्ड का संयुक्त अभियान चल रहा है और कम से कम तीन लोगों के अभी भी मंदिर के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है।
उन्होंने कहा कि राज्य की राजधानी में उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान और स्लाइडिंग साइटों की निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 24 जून को हिमाचल प्रदेश में मानसून की शुरुआत के बाद से, राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में 338 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 38 लोग लापता हैं। इसमें कहा गया है कि 338 मौत में से 221 लोगों की मौत हिमाचल प्रदेश में बारिश से संबंधित घटनाओं में हुई है।
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आपातकालीन केंद्र ने कहा कि लगभग 11,900 घर आंशिक रूप से या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए, राज्य में लगभग 560 सड़कें अभी भी बंद हैं और 253 ट्रांसफार्मर और 107 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हो गई हैं।
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