Mumbai News – मुंबई में दुकानदारों को अपनी दुकानों के नाम मराठी भाषा में लिखने की सुप्रीम कोर्ट की दी हुई समय सीमा 25 नवंबर को खत्म हो रही है। हालांकि मुंबई के कई दुकानों ने अभी तक जरूरी बदलाव नहीं किए हैं।दुकान मालिकों को अपनी दुकानों के नाम दूसरी भाषा में लिखे नाम के बराबर या उससे बड़े आकार में मराठी भाषा में लिखना अनिवार्य है।राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने कहा है कि वो आदेश का पालन न करने वाली दुकानों और प्रतिष्ठानों को “महाराष्ट्रियन विरोधी” मानती है।
एमएनएस ने दुकानदारों को चेतावनी दी है कि वो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।शहर के व्यापारियों के एक संघ ने कहा है कि उसने अपने सभी सदस्यों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने को कहा है।
एसोसिएशन ने कहा कि यदि अधिकारी आदेश न मानने वाले व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं, तो ये उनका अधिकार होगा। साथ में ये भी कहा गया है कि अगर कोई राजनैतिक दल मराठी अक्षरों वाले साइनबोर्ड न लिखने के लिए व्यापारियों पर दबाव डालता है या धमकाता है, तो इसके बुरे नतीजे निकलेंगे।
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अध्यक्ष एमएनएस ट्रेडर्स एसोसिएशन महेंद्र जैन का कहना है कि जो कोर्ट में जा रहे हैं वो महाराष्ट्र द्रोही है, उनको महाराष्ट्रीयन भाषा से प्रेम नहीं है, उनको संस्कृति से प्रेम नहीं है। ऐसा हम समझते हैं। और सुप्रीम कोर्ट ने बहुत ही सम्मानपूर्वक समझते हुए आदेश दिया कि तुरन्त ही दो महीनों के अंदर-अंदर आपको मराठी मैं बोर्ड लगाने होंगे। ताकि सीजन जो आ रही है। शादी की सीजन आ रही है, दिवाली की सीजन आ रही है, उसमें भरपूर महाराष्ट्रीयन कस्टमर भी उसमें शामिल हो सके।
फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स एसोसिएशन अध्यक्ष वीरेन शाह का कहना है कि ये नियम के जरिए हमने सुप्रीम कोर्ट, बॉम्बे हाईकोर्ट गए थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने, बॉम्बे हाईकोर्ट ने सिर्फ दो महीने का समय दिया। और दो महीना 25 नवंबर को खत्म हो रहा है। और हमारा मैसेज यही गया है सभी लोगों को हमें कानून के हिसाब से काम करना है। कानून को अपने हाथ में नहीं लेना है। हमारा निवेदन यही है सभी दुकानदारों को मराठी में दूसरी लैंग्वेज से छोटा आप नहीं लिख सकते हैं।PTI