Asaduddin Owaisi- एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने जम्मू कश्मीर में पूछताछ के लिए उठाए गए तीन नागरिकों की मौत पर चिंता व्यक्त की और हत्या में शामिल लोगों की गिरफ्तारी की मांग की।ओवैसी ने कहा कि सरकार इस अपराध से बच नहीं सकती। इन तीन लोगों की हत्या सरकार की हिरासत में हुई है, इसलिए मुआवजा या रोजगार देने से काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि इस हत्या में शामिल अधिकारियों या पुलिस कर्मियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार का दावा है कि अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद कोई घुसपैठ नहीं हुआ है और पिछले साल इसी इलाके में हमने नौ सैनिकों को खो दिया है। ये मोदी सरकार की विफलता है।
हाल ही में पुंछ में हुए आतंकवादी हमले में तीन सैनिकों की शहादत के बाद सेना ने पूछताछ के लिए तीन नागरिकों को उठाया था, जिसके बाद उनकी मौत पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। साथ ही सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी भी शुरू कर दी है।सेना ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी को शिफ्ट कर दिया गया है और 48 राष्ट्रीय राइफल्स के तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
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एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैं प्रशिक्षित पाकिस्तानी आतंकवादियों के हमले में हमारे चार सैन्यकर्मियों की हत्या की निंदा करता हूं और ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने न केवल हत्या की है, बल्कि उनके शवों को क्षत-विक्षत कर दिया है। ये बहुत गंभीर मुद्दा है और चिंता का कारण है।29 सेकंड का एक वीडियो सामने आया है जिसमें साफ दिख रहा है कि इन तीन लोगों को प्रताड़ित किया गया और पीटा गया और हमने देखा है कि उनके साथ कितना क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया गया है। सरकार इस अपराध से बच नहीं सकती, इन तीन लोगों की हत्या सरकार की हिरासत में हुई है, इसलिए मुआवजा या रोजगार देना पर्याप्त नहीं है।
जरूरत इस बात की है कि इस हत्याकांड में जो अधिकारी या कर्मी शामिल थे, उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाये। अभी भी पांच लोग अस्पताल में हैं और तीन की हालत गंभीर है. ये तीनों मृतक लोग गुज्जर और बकरवाल समुदाय से थे जो हमेशा भारतीय सेना की मदद करते थे और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ खड़े होते थे। ये क्या है मोदी सरकार की नीति? मोदी सरकार का दावा है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद कोई घुसपैठ नहीं हुई है और पिछले साल इसी इलाके में नौ सैनिक मारे गए थे। ये मोदी सरकार की विफलता है और मैं इसकी निंदा करता हूं।