भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में इस साल देरी से बर्फबारी शुरू हुई है. लेकिन आज हम बताएगों कि पहाड़ी इलाकों में बर्फ क्यों गिरती है.आखिरकार इसके पीछे क्या कारण है. आपको बता दे कि जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में इस साल देरी से बर्फ शुरू हुई. और बर्फबारी होने पर लोग घूमने जाते है.साथ ही स्नो फॉल देखने जाते है. लेकिन आपके दिमाग मे कभी ये सवाल जरूर आया होगा कि पहाड़ों पर बर्फ क्यों पड़ती हैं. इस आर्टिकल में हम आपको बताएगें कि
पहाड़ी इलाकों में क्यों पड़ती है बर्फ
पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी का मुख्य कारण समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर होना है। पहाड़ी क्षेत्रों का वातावरण साल भर ज्यादातर ठंडा रहना भी बर्फबारी में महत्वपूर्ण योगदान देता है। कई बार बर्फ ओलावृष्टि के रूप में भी धरती पर गिरती है। बाद में, बर्फ के टुकड़े अधिक तापमान के कारण ओजोन परत पर गिरते हैं। इसके बाद ये पहाड़ों पर स्नोफ्लैक्स के रूप में गिरते हैं। वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान कम रहने से पिघली हुई बर्फ फिर से बर्फ में मिल जाती है।वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में ये स्नोफ्लैक् स के बजाय बारिश के रूप में गिरते हैं।
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पहाड़ी इलाकों में ही क्यों पड़ती है बर्फ
पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होने का मुख्य कारण उन इलाकों का समुद्र तल से काफी ज्यादा ऊंचाई पर होना है. पहाड़ी इलाकों का वातावरण सालभर ज्यादातर समय ठंडा रहना भी बर्फबारी में बड़ी भूमिका को निभाता है. इतना ही नहीं कई बार बर्फ ओलावृष्टि के रूप में भी धरती पर बरसती है. इसके बाद नीचे आते समय बर्फ के टुकड़े ओजोन परत से गुजरते हैं, जहां ज्यादा तापमान होने के कारण पिघल जाते हैं. इसके बाद ये पहाड़ी इलाकों में स्नो फ्लेक्स के तौर पर गिरते हैं.
बर्फबारी होने का कारण
वैज्ञानिकों का कहना है कि बर्फ बनने के लिए वायुमंडलीय तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से कम होना चाहिए। विज्ञान में इस तापमान का नाम हिमांक है। अगर जमीन का तापमान हिमांक या उससे नीचे है, तो वहां बर्फबारी होगी। लेकिन जमीन का तापमान शून्य से ऊपर होने पर भी बर्फ गिर सकती है।