जानें सुदर्शन सेतु’ की खासियत –
इसमें श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों और दोनों तरफ भगवान कृष्ण की छवियों से सजा हुआ फुटपाथ भी है।एक आधिकारिक प्रेस रिलीज के मुताबिक, 2.32 किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण 979 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इसमें 900 मीटर का सेंट्रल डबल स्पैन केबल-स्टेड भाग और 2.45 किलोमीटर लंबी एप्रोच रोड शामिल है।इसमें कहा गया है कि फोर लेन वाले 27.20 मीटर चौड़े पुल के दोनों तरफ 2.50 मीटर चौड़े फुटपाथ हैं।पहले इस पुल को ‘सिग्नेचर ब्रिज’ के नाम से जाना जाता था लेकिन अब इसका नाम बदलकर ‘सुदर्शन सेतु’ या सुदर्शन ब्रिज कर दिया गया है।सुदर्शन सेतु सुरक्षा की दृष्टि बहुत मजबूत है।
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पीएम ने किया सुदर्शन ब्रिज का उद्घाटन किया
बेट द्वारका ओखा बंदरगाह के पास एक द्वीप है, जो द्वारका शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। यहां पर भगवान कृष्ण का प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर है।वर्तमान में, बेट द्वारका में मंदिर में आने वाले श्रद्धालु केवल दिन के दौरान नाव से यात्रा कर सकते थे,,जबकि पुल के निर्माण से उन्हें हर समय यात्रा करने की अनुमति मिल जाएगी। पीएम मोदी ने 25 फरवरी को सुदर्शन ब्रिज का उद्घाटन किया।
स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा
देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज जिसका निर्माण करके भारत ने इंफ्रास्च्रकचतर क्षेत्र में नया इतिहास रच दिया। इस केबल ब्रिज को सुदर्शन ब्रिज ने जाना जाएगा। अब देवभूमि द्वारका आने वाले तीर्थयात्रियों को अब नाव की सवारी नहीं करनी होगी. सुदर्शन सेतु के बनने से तीर्थयात्रियों के समय की भी बात होगी। अब देश के पर्यटन स्थल को तौर पर भी इस पुल का महत्व बढेगा। और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे ।