चरखी दादरी(प्रदीप साहू): प्रशासन के जल निकासी के दावों की पोल खुल गई है। पिछले दिनों हुई बारिश के बाद से तो दादरी शहर की कई कालोनियों में बुरा हाल है। हालात ऐसे बने हैं कि यहां किसी भी रास्ते पर पैदल चलना मुश्किल हो गया है। शहर में जगह-जगह जलभराव का आलम है। जिला प्रशासन आज तक शहर में पानी निकासी के पुख्ता प्रबंध नहीं कर पाया है।
वहीं, सीवरेज की ठप्प व्यवस्था पर सरकार के सांझेदार पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने सवाल उठाते हुए कहा कि दादरी जिला का तो सिर्फ राम रूखाला है। सात वर्ष के दौरान सरकार सही प्लानिंग के तहत कार्य नहीं कर पाई। प्रशासनिक अधिकारी सफाई के बड़े-बड़े दावे करते नहीं थकते थे। लेकिन शहर में सीवरेज की जो व्यवस्था बनी हुई है।
शहर की सूरत को देखकर कोई भी नहीं कह सकता कि यह जिला मुख्यालय है। यहां पर सफाई के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। शहर के नाले व नालियां गंदगी से लबालब हो रही हैं। जिसके चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई इलाकों में तो सीवर के गंदे पानी की निकासी न होने के कारण लोगों का घरो से निकलना दुभर हो गया है।
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हालांकि, कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कई सालों से कोई समाधान नही हुआ है। कांग्रेसी नेता नितिन जांघू ने कहा कि गंदे पानी से लोग इतने परेशान है, न जी सकते हैं, और न ही मर सकते है। अधिकारियों को शहर की समस्याएं नजर नहीं आ रही। जिला मुख्यालय होने के बाद चरखी दादरी का यह हाल है।
दिनों-दिन हालत बदतर होते जा रहे हैं और अधिकारियों को होश ही नहीं। वहीं पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने कहा कि दादरी का तो सिर्फ राम रूखाला है। यहां अधिकारी कार्य करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते। अगर ऐसे ही हालात रहे तो जनता को सडक़ों पर उतरना पड़ेगा।
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